जनपद पंचायत पलारी के ग्राम गिर्रा के सचिव खिलेश्वर ध्रुव सहित 3 पंचायत सचिव सस्पेंड, रीपा योजना में गड़बड़ी पर हुई कार्रवाई
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्त्वाकांक्षी रीपा योजना (रूरल इंडस्ट्रियल पार्क) में अनियमितताओं को लेकर शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई की गई है। सरकार ने इस मामले में रायपुर संभाग के तीन पंचायत सचिवों को निलंबित किया है, वहीं योजना संचालन में लापरवाही बरतने के मामले में तीन तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि रीपा अनियमितताओं की पिछले डेढ़ साल से जांच की कार्रवाई चल रही है. गत दिनों विधानसभा में विधायक धरमलाल कौशिक के सवाल पर पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने बताया था कि इस मामले में 6 कलेक्टर, 18 जनपद पंचायत सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
सरकार की महत्त्वाकांक्षी रीपा योजना (रूरल इंडस्ट्रियल पार्क) में अनियमितताओं को लेकर शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट के आधार पर रायपुर संभाग के तीन पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया है, वहीं योजना संचालन में लापरवाही बरतने के मामले में तीन तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जांच में सामने आईं गंभीर लापरवाहियां
शासन स्तर पर हुई जांच में पाया गया कि संबंधित पंचायत सचिवों ने भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किया, बिना तकनीकी परीक्षण के मशीनें खरीदी गईं और उनके भुगतान भी चरणबद्ध तरीके से कर दिए गए। यह सब कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही की श्रेणी में माना गया।
इन पंचायत सचिवों पर हुई कार्रवाई
महासमुंद जिले की ग्राम पंचायत बिरकोनी के सचिव शंकर साहू, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जनपद पंचायत पलारी के ग्राम गिर्रा के सचिव खिलेश्वर ध्रुव, जनपद पंचायत बलौदाबाजार के ग्राम पंचायत लटुआ के सचिव टीकाराम निराला समेत तीनों सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
छोटे कर्मचारी ही निलंबित, बड़ों अफसरों को केवल नोटिस
छत्तीसगढ़ में रीपा योजना में गड़बड़ी की शिकायत तब सामने आई थी, जब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने करीब 300 रीपा केंद्र स्थापित करने की योजना लागू की थी. इस योजना के लिए डीएमएफ के अलावा अलग-अलग मदों का इस्तेमाल किया गया था. जिसमें करोड़ों रुपए की मशीनों की खरीदी हुई है, जिसमें भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं हुआ था. भले ही मुख्यसचिव की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी का प्रतिवेदन अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, लेकिन सभी संभागायुक्त उसी प्रतिवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रहे हैं. जिसमें भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने, बगैर तकनीकी परीक्षण के मशीनों की खरीदी करने और मशीनों का भुगतान किस्त-किस्त में करने जैसे आरोप सिद्ध हुए है. यहां सवाल यही उठ रहा है कि ग्राम पंचायत के सचिव के अधिकार क्षेत्र में न तो खरीदी किया जाना है और न ही भुगतान किया जाना, लिहाजा जिन अफसरों ने यह सब गड़बड़झाला किया है, उनके खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. केवल छह कलेक्टरों और 18 जनपद पंचायत के सीईओ को कारण बताओ नोटिस दिया गया. वहीं ग्राम पंचायत के सचिवों को एक-एक कर निलंबित किया जा रहा है.
जनपद सीईओ से मांगा गया जवाब
संभागायुक्त महादेव कावरे ने रीपा योजना के क्रियान्वयन में जिम्मेदार तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें जनपद पंचायत पलारी के तत्कालीन सीईओ रोहित नायक, जनपद पंचायत बलौदाबाजार के तत्कालीन सीईओ रवि कुमार, जनपद पंचायत महासमुंद की तत्कालीन सीईओ लिखत सुल्ताना से नियत समय में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है रीपा योजना
रीपा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारपरक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण, रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है।
जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। रीपा योजना की पारदर्शिता और उद्देश्य के साथ समझौता करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। महादेव कावरे, संभागायुक्त।