गृहमंत्री का बड़ा बयान - नक्सली बंदूक छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें, वार्ता के लिए तैयार
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सप्ताहभर के भीतर दूसरी बार राज्य सरकार को पत्र लिखकर शांतिवार्ता बात कही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि नक्सलियों का एक खत सामने आया है. खत नक्सलियों के उत्तर पश्चिम सब जोनल कमेटी के द्वारा जारी किया गया है. खत सब जोनल ब्यूरो रुपेश के नाम से लिखा गया है. विजय शर्मा ने कहा कि खत की पुष्टि की गई है. खत नक्सलियों की ओर से ही जारी किया गया है. शर्मा ने कहा कि मैं भी मीडिया के जरिए उनतक ये बात पहुंचाना चाहता हूं कि आप हिंसा का रास्ता छोड़ें. बंदूक का जवाब बंदूक से होता है। अगर नक्सली चर्चा चाहते हैं, तो मुख्यधारा में आना होगा। दरअसल, नक्सली लीडर रूपेश ने बुधवार को पर्चा जारी किया। पर्चा में उन्होंने शांतिवार्ता के लिए हम तैयार हैं, इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने की बात कही थी।
डिप्टी सीएम ने कहा कि नक्सलियों ने पत्र में जिस समिति की बात लिखी है उसकी कोई जानकारी हमारे पास नहीं है. अगर ऐसी कोई समिति है तो हम उसकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी और गारंटी लेते हैं. आएं बैठे और सरकार से चर्चा करें. विजय शर्मा ने नई पुनर्वास नीति को लेकर बताया कि इस नीति के तहत प्रावधान है कि नक्सली सरेंडर करके सरकार के साथ चलेंगे तो उनके खिलाफ जो प्रकरण और मामले हैं उन्हें सरकार वापस ले लेगी, कोई कार्रवाई नहीं करेगी.
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए अपील की है, लेकिन वे सामने आएं। उन्होंने किसी 'समिति' का जिक्र किया है, तो उस समिति को स्पष्ट करें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इसके के लिए कोई समिति की गठन नहीं की है। सरकार चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।उन्होंने कहा कि जो भी लोग बातचीत करना चाहते हैं, वे मुझसे संपर्क करें। मैं उन्हें सुरक्षा देने को तैयार हूं, लेकिन यह स्पष्ट है कि बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। हमारी सरकार कई बार नक्सलियों को मुख्यधारा में आने की अपील कर चुके हैं। गृह मंत्री ने कहा कि रूपेश समेत जिन्होंने यह पत्र लिखा है मैं सभी से कहना चाहूंगा कि वे बंदूक छोड़ें। हम बात करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा बंदूक का जवाब बंदूक से होता है। अगर आप चर्चा चाहते हैं, तो मुख्यधारा में आना होगा।
डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि कोई नक्सली सरेंडर करना चाहता है, तो हम तैयार हैं। हम छोटे-बड़े सभी समूहों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अगली बार भी यह बात कही थी कि वे शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए कोई शर्त न हो।