कांगेर घाटी को यूनेस्को ने किया विश्व धरोहर के रूप में शामिल, सीएम साय ने जताई खुशी
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है, जो कि छत्तीसगढ़ का पहला स्थल है, जिसे इस सूची में चयनित किया गया है। प्राकृतिक सुंदरता, हरी भरी वादियां, खूबसूरत झरने, नदी और गुफाओं से लैस कांगेर वैली की पहचान ग्लोबल हो चुकी है. कांगेर वेल्ली नेशनल पार्क को यूनेस्को ने अपनी सूची में बेस्ट पर्यटन स्थल के लिए अस्थाई तौर पर शामिल किया है. यूनेस्को की सूची पर शामिल होने से बस्तर पर्यटन के क्षेत्र में एक कदम और आगे बढ़ जाएगा. इससे पहले कांगेर वैली के सरहदी इलाके में मौजूद धूड़मारास गांव को विश्व पर्यटन संगठन ने 60 देशों में चुना था.
सीएम साय ने जताई खुशी: छत्तीसगढ़ और बस्तर को मिली इस कामयाबी से हर कोई खुश है. सीएम विष्णुदेव साय ने खुशी जताई है और प्रदेश वासियों को इसके लिए बधाई दी है. कांगेर वैली नेशनल पार्क में ही छत्तीसगढ़ की राज्य पक्षी पहाड़ी मैना पाई जाती है. दूर दूर से लोग इस पहाड़ी पक्षी की तस्वीरें लेने के लिए आते हैं. यहां आने पर लोगों को खूबसूरती के साथ साथ सुकून का अहसास होता है.
इस उपलब्धि पर छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे राज्य के लिए गर्व की बात बताई है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में प्राकृतिक विरासत श्रेणी में जगह मिली है, अब आने वाले वर्ष में इस स्थल को नॉमिनेशन लिस्ट में शामिल करने की कोशिश सरकार की ओर से की जाने की बात कही जा रही है, लिस्ट में शामिल होने के बाद कांगेर घाटी को विश्व धरोहर की स्थाई सूची में जगह मिल सकती है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस उपलब्धि को साझा करते हुए इसे प्रदेश के लिए ऐतिहासिक पल बताया, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की अस्थाई सूची में शामिल किया गया है। कांगेर घाटी की जैव विविधता और सुंदर जलप्रपात इसे अनमोल बनाते हैं।