होली से पहले साय कैबिनेट ने लिए कई फैसले, नक्सल नीति, भारत माला घोटाले की जांच और फेलोशिप योजना को मंजूरी
होली से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट बैठक हुई. इस दौरान कई बड़े फैसले लिए गए. सीएम निवास कार्यालय में हुई इस कैबिनेट मीटिंग में छात्रों के लिए फैलोशिप योजना लागू करने की मंजूरी दी गई. बैठक में राज्य में फैलोशिप शुरू करने की योजना पर सहमति बनी है। वहीं, भारतमाला प्रोजेक्ट मके भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी की जांच ईओडब्ल्यू से कराने का फैसला किया गया है। वहीं, कैबिनेट ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
युवाओं के लिए क्या घोषणा
कैबिनेट बैठक में राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउण्डेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए के डिग्री प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ समय में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा बाकी समय में जिला, विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला, विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा। इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 की जगह छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी दी है. इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के ड्राफ्ट को मंजूरी दी.
छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी.
छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के ड्राफ्ट को मंजूरी.
मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म छावा को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी. इस दौरान फिल्म के टिकट पर लगे राज्य के जीएसटी की राशि को वापस करने की मंजूरी दी गई.
मंत्रिपरिषद ने राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केंद्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया. इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की मंजूदी दी गई.
स्टेट वॉटर इंफॉर्मेशन सेंटर बारिश, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा.
SWIC, NWIC विकसित डिजिटल प्लेटफॉर्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा. इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।
राज्य के जल संसाधन विभाग के 9 बांधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रुपये भारत सरकार के जरिए ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का फैसला लिया. इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं.
राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना (CM Good Governance Fellowship Scheme) शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
यह योजना छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों के लिए होगी, जो आईआईएम रायपुर (IIM Raipur) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग संचालित करेगा. कार्यक्रम को पूरा करने वाले छात्रों को आईआईएम एमबीए की डिग्री देगा. प्रारंभिक तौर पर चयनित चयनित छात्रों को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा और बाकी अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम के लिए काम करके जिला/विभाग का सहयोग करना होगा. इसका खर्चा सरकार उठाएगी. साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड (सैलरी) भी दिया जाएगा.
राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के काम में भ्रष्टाचार की मिली शिकायतों पर ईओडब्ल्यू से जांच कराएगी.