साय सरकार ने रचा इतिहास, डबल इंजन की सरकार में खुशहाल हुए किसान - CGKIRAN

साय सरकार ने रचा इतिहास, डबल इंजन की सरकार में खुशहाल हुए किसान

 



छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए 52 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे राज्य में कृषि विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है. साय की सरकार ने एक साल के भीतर छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के खाते में 52 हजार करोड़ रुपये अंतरित कर उन्हें उत्साह से भर दिया है. धान खरीदी समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर किसानों को भुगतान कर दिया गया है. 52 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में आने से वे खेती किसानी में भरपूर निवेश कर रहे हैं और इससे बाजार भी गुलजार हुए हैं जिससे शहरी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर दिख रहा है. ट्रैक्टर आदि की बिक्री ने रिकार्ड आंकड़ा छू लिया है. धान का उचित मूल्य मिलने से किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और इस साल 25 लाख 72 हजार किसानों ने 149 लाख 25 हजार मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान बेचा. साय सरकार तेजी से खेती के आधुनिकीकरण के लिए काम कर रही है. वहीँ ड्रोन दीदियों के माध्यम से खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव ड्रोन के माध्यम से हो रहा है. कृषि यांत्रिकीकरण मिशन अंतर्गत कृषि यंत्रों पर अनुदान दिये जाते हैं. इसका लाभ 3204 किसानों ने उठाया है. इस पर 79 करोड़ रुपए का व्यय आया है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. इस पर एक साल के भीतर 15 करोड़ रुपए व्यय किये गये हैं. 15 हजार 500 किसान इससे लाभ ले चुके हैं.

साय सरकार में किसानो को धान का उचित मूल्य मिलने से किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई और इस साल 25 लाख 72 हजार किसानों ने 149 लाख 25 हजार मीट्रिक टन रिकॉर्ड धान बेचा. छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में 25 लाख से अधिक किसानों के धान बेचने से छत्तीसगढ़ में खेती किसानी की सकारात्मक दिशा स्पष्ट है. 

साय सरकार की 5 एचपी के कृषि पंपों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय करने की योजना अंतर्गत 2707 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है. इसके साथ ही सोलर पंपों के लिए 200 करोड़ रुपये के सहायक अनुदान दिये गये हैं. कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत 304 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. कृषक समग्र विकास योजना अंतर्गत 94 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है. सब्जी लगाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने शाकम्बरी योजना चलाई जाती है इस पर 9 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है और 7323 किसान लाभान्वित हुए हैं.

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