दिल्ली में वोटों की गिनती शुरू, आप की ही बनेगी सरकार या खत्म होगा भाजपा का वनवास...?
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में वोटिंग के तीन दिन बाद आज मतगणना की तारीख है। राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो गई है । चुनावी मैदान में 70 सीटों के लिए 699 उम्मीदवार हैं। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय (सीईओ) ने मतगणना से जुड़ी तमाम तैयारियों को शनिवार शाम तक अंतिम रूप दिया। सुबह नौ बजे के बाद पहला रुझान आने की संभावना है । अब तक के सबसे मुश्किल माने जा रहे चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की अग्निपरीक्षा है, वहीं भाजपा के 27 साल के वनवास पर से भी पर्दा उठेगा। किसके हाथ सत्ता की चाबी लगेगी, यह आज दोपहर तक तय हो जाएगा। किस पार्टी को क्या मिलेगा और किसे कितना नुकसान हुआ और दावे कितने सटीक बैठे, सब पता चल जाएगा। एग्जिट पोल्स का निचोड़ भी सामने आ गया है। दिल्ली में मुकाबले की पृष्ठभूमि में तीनों ही मुख्य दलों- आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने परिवारवाद के मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरा। हालांकि, इस मुद्दे को उठाने के बावजूद तीनों ही पार्टियों ने अपने नेताओं के रिश्तेदारों और करीबियों को जमकर टिकट बांटे। आज उन सबकी किस्मत का खुलासा मतपेटियों में कैद वोटों के जरिए होगा।
दिल्ली की राजनीति में कभी मजबूत पकड़ रखने वाली कांग्रेस बीते दो चुनावों में पूरी तरह अप्रासंगिक हो गई थी। वर्ष 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी और पार्टी का वोट शेयर भी तेजी से गिरा था। हालांकि, इस बार कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने लगातार प्रचार किया।
दिल्ली कैंट सीट का परिणाम आ सकता है जल्दी
दिल्ली कैंट सीट का परिणाम जल्दी आने की उम्मीद है। इस सीट पर सबसे कम करीब 78 हजार मतदाता हैं। यहां पर 59.36 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं, विकासपुरी सीट पर 4.56 लाख मतदाता हैं। ऐसे में यहां का परिणाम देर से घोषित हो सकता है।
इन सीटों का यहां जानें हाल
नई दिल्ली विधानसभा सीट- दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सीट से चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। लगातार तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 2013 विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए थे। उन्होंने लगातार तीन बार इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। इस समय यह सीट केजरीवाल के पास है।
कालकाजी विधानसभा सीट- कालकाजी सीट सबसे चर्चित सीटों में शामिल है। इस बार आम आदमी पार्टी ने कालकाजी सीट से मुख्यमंत्री आतिशी को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक अलका लांबा को उतारा है। चेहरों के कारण कालकाजी सीट एक बार फिर हॉट सीट बन गई है। वहीं भाजपा ने यहां से रमेश बिधूड़ी को टिकट दिया है। कालका सीट से उम्मीदवार बनाए गए बिधूड़ी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं।
जंगपुरा विधानसभा सीट- इस बार जंगपुरा विधानसभा सीट पर चर्चा में है, क्योंकि आम आदमी पार्टी ने मनीष सिसोदिया को पार्टी ने यहां से टिकट दिया है। इससे पहले मनीष सिसोदिया पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़ते रहे हैं। जंगपुरा में आम आदमी पार्टी के वर्तमान विधायक प्रवीण कुमार है वह नौकरी छोड़कर अन्ना आंदोलन से जुड़े थे। जंगपुरा सीट पर साल 2020 के विधानसभा चुनाव में प्रवीण कुमार करीब 45,086 वोटों से जीत हासिल की थी। भाजपा से तरविंदर सिंह मारवाह चुनावी मैदान में हैं और कांग्रेस से फरहद सूरी हैं।
पटपड़गंज विधानसभा सीट - इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा बदलाव पटपड़गंज विधानसभा सीट पर देखने को मिला है। आम आदमी पार्टी ने यहां से शिक्षिक अवध ओझा को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। जबकि इससे पहले यहां से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया यहां से चुनाव लड़ते रहे हैं। वहीं, भाजपा से रविंदर सिंह नेगी यहां से चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस से अनिल कुमार हैं।
बाबरपुर विधानसभा सीट- बाबरपुर विधानसभा सीट से आप मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय चुनाव मैदान में हैं। गोपाल राय पिछले 10 साल से केजरीवाल की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। जिसके चलते यह सीट काफी चर्चा में है। इसलिए चुनाव परिणाम को लेकर भी लोगों में उत्सुकता है।
ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट- आम आदमी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज लगातार चौथी बार ग्रेटर कैलाश सीट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। उनके सामने भाजपा से शिखा राय और कांग्रेस से गरवित सिंघवी चुनाव लड़े। यहा वीआईपी सीट बनी हुई है। यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि सौरभ भारद्वाज चौथी बार यहां जीत पाते हैं या नहीं।
