छत्तीसगढ़ में 1 से 15 नवम्बर तक मनाया जाएगा “जनजातीय गौरव पखवाड़ा - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ में 1 से 15 नवम्बर तक मनाया जाएगा “जनजातीय गौरव पखवाड़ा


भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के निर्देशानुसार इस वर्ष 15 नवम्बर 2025 को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में समूचे देश में “जनजातीय गौरव दिवस” भव्य रूप से मनाया जाएगा। इस अवसर पर 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2025 तक “जनजातीय गौरव पखवाड़ा” का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं प्रभारी सचिवों की उपस्थिति में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय समारोह में जनजातीय संस्कृति, लोककला, व्यंजन, हस्तशिल्प और विकास प्रदर्शनी के साथ-साथ भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

कार्यक्रमों में शहीद वीर नारायण सिंह लोक कला महोत्सव एवं उत्तर छत्तीसगढ़ जनजातीय लोक नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही आश्रम-छात्रावासों, शासकीय संस्थानों और जनजातीय ग्रामों में प्रभातफेरी, जन-जागरूकता यात्राएँ, वृक्षारोपण, निबंध, वाद-विवाद एवं चित्रकला प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी। जनजातीय नायक-नायिकाओं के जीवन और योगदान पर संगोष्ठियाँ भी होंगी। इस पखवाड़े के दौरान विशेष लाभार्थी संतृप्ति शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जनधन खाता, सिकल सेल जांच, स्वास्थ्य परीक्षण, जाति प्रमाणपत्र वितरण, पीएम किसान सम्मान निधि एवं किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सेवाएँ प्रदान की जाएँगी।

जिले के “आदि सेवा केन्द्रों” में भी गौरव दिवस का आयोजन किया जाएगा। जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों, जनजातीय समुदाय के प्रमुखों, प्रतिभावान बच्चों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा। साथ ही पी.एम. जनमन, आदि कर्मयोगी तथा धरतीआबा योजनाओं से संबंधित लघु फिल्में प्रदर्शित की जाएँगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश-पाठ (पाती वाचन) भी किया जाएगा।  जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर यह आयोजन प्रदेश के आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और गौरवगाथा को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अवसर बनेगा।

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती हम सबके लिए गर्व और प्रेरणा का अवसर है। भगवान बिरसा मुंडा ने अपने अदम्य साहस, संघर्ष और त्याग से जनजातीय समाज को स्वाभिमान और स्वतंत्रता का संदेश दिया। जनजातीय गौरव पखवाड़ा न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत के उत्सव का प्रतीक है, बल्कि यह आदिवासी समाज के उत्थान, सम्मान और सशक्तिकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। मैं सभी प्रदेशवासियों से आग्रह करता हूँ कि वे इस पखवाड़े में उत्साहपूर्वक भाग लें और हमारी जनजातीय संस्कृति, परंपरा एवं मूल्यों को आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ।"- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय


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