सामुदायिक शौचालय बने कमाई का केंद्र, कई परिवारों की बदली किस्मत - CGKIRAN

सामुदायिक शौचालय बने कमाई का केंद्र, कई परिवारों की बदली किस्मत


सरगुजा जिले के गांवों में सामुदायिक शौचालयों को लेकर एक नया नवाचार शुरु हुआ है, जिसके परिणाम अच्छे देखने को मिल रहे हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्वच्छ भारत मिशन को लेकर नई कहानी लिखी गई है, जिसमें शौचालयों को सिर्फ साफ रखना ही मकसद नहीं था, बल्कि उन शौचालयों के माध्यम से कई परिवारों के लिए रोजी रोटी का इंतजाम भी करना था, जिन गांवों में जहां रोजगार की संभावनाएं कम रहती है,अब उन्हीं गांवों के लिए अब सामुदायिक शौचालय मॉडल के तौर पर विकसित किए जा रहे हैं.सरगुजा के लगभग सभी गांवों में ऐसे शौचालय बनाए गए, लेकिन उनमें से प्रयोग के तौर पर सिर्फ 25 शौचालयों को रोजगार देने के लिए तैयार किया गया है, जो अब 25 परिवारों के चेहरों पर मुस्कान ला रहे हैं. लोकल18 मे बातचीत के दौरान स्वच्छाग्राही सदश्य रजपुरी गांव के बैगाराम बताते हैं कि उनको दुकान सरकार की तरफ से मिली है. सामुदायिक शौचालय का रखरखाव हम लोग ही करते हैं, कोई किराया नहीं लगता है. महीने में 15 से 20 हजार तक कमा लेते हैं, किराना दुकान के साथ सीएससी भी चलाते हैं, हम लोग खुश हैं कि हम लोगों को दुकान मिला है, लोगों से भी पैसा लेते हैं. शौचालय का 5 रुपए और नहाने का 10 रुपये लेते हैं.

25 शौचालयों में पायलट प्रोजेक्ट शुरु

सरगुजा में जिला पंचायत ने 25 सामुदायिक शौचालयों को मॉडल शौचालय के तौर पर विकसित किया है. जिसके तहत शौचालयों के साथ दुकान बनाए गए फिर इन दुकानों को स्वच्छाग्राही समूहों को बांटा गया. समूह को सिर्फ करना ये है कि शौचालयों का रखरखाव करना है. साथ ही साथ समूहों को दुकान का किराया भी नहीं देना है. इस स्कीम के तहत 25 शौचालयों में पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया गया, जिसका अच्छा रिजल्ट देखने को मिला.जब भी कोई अपने घर से बाहर होता है तो उसके लिए सबसे जरुरी चीज जो होती है वो है साफ शौचालय. छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में सार्वजनिक शौचालयों की हालत ठीक नहीं है, क्योंकि सरकारी योजनाओं के सहारे शौचालय बन तो जाते हैं लेकिन इन्हें साफ सुथरा रखकर मेंटेन करना थोड़ा मुश्किल भरा काम है. यही वजह है कि ज्यादातर शौचालय कुछ दिनों बाद इस्तेमाल लायक नहीं रहते. इस समस्या को दूर करने के लिए सरगुजा में कुछ ऐसे मॉडल कम्युनिटी टायलेट बनाए गए हैं, जो अब रखरखाव के अभाव में अनुपयोगी नही होंगे. इतना ही नहीं इन शौचालयों में ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है.

दिव्यांग और थर्ड जेंडर्स के लिए शौचालय

सरगुजा के नए मॉडल शौचालयों में सुविधाओं की बात करें तो इसमें महिला और पुरुषों के लिए सुविधाएं तो हैं ही साथ ही साथ दिव्यांग और थर्ड जेंडर्स के लिए भी शौचालय बने हैं. इन मॉडल शौचालयों में साफ सफाई का खास ख्याल रखा जा रहा है. शिशुवती माताओं के लिए बच्चों को स्तनपान कराने के लिए फीडर रूम की भी व्यवस्था दी गई है. यही नहीं स्वच्छाग्राहियों को आमदनी का ख्याल रखते हुए हर शौचालय में एक दुकान खोला गया है,जिसका सिर्फ बिजली बिल ही देना पड़ता है इसका कोई भी किराया प्रशासन नहीं लेता.

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads