उद्यानिकी शिक्षा में नवाचार: रामानुजगंज उद्यानिकी महाविद्यालय में उगाया गया 'ब्रिमैटो' पौधा : परमेश्वर गोरे
रामानुजगंज (बलरामपुर)। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय संकरा पाटन दुर्ग (छत्तीसगढ़)के अंतर्गत संचालित उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र रामानुजगंज बलरामपुर जिला बलरामपुर रामानुजगंज के प्रायोगिक प्रक्षेत्र में उद्यानिकी शिक्षा के क्षेत्र में यहाँ पर 'ब्रिमैटो' (बैगन + टमाटर) नामक अनोखा पौधा उगाया गया है, जिसने उद्यानिकी विशेषज्ञों और छात्रों का ध्यान आकर्षित किया है।
अधिष्ठाता श्री परमेश्वर गोरे ने की सराहना: महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने इस नवाचार की सराहना करते हुए इसे "उद्यानिकी शिक्षा और शोध में मील का पत्थर" बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयोग किसानों की आय बढ़ाने और खेती में नवीनता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
ग्राफ्टिंग तकनीक का सफल प्रयोग: डॉ. ललित कुमार वर्मा महाविद्यालय के प्रायोगिक प्रक्षेत्र प्रभारी डॉ. ललित कुमार वर्मा ने बताया कि 'ब्रिमैटो' पौधा तैयार करने के लिए बैंगन काशी संदेश को टमाटर काशी अमन में ग्राफ्टिंग (कलम बांधना) की तकनीक का प्रयोग किया गया। यह प्रक्रिया पौधों की वृद्धि और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में कारगर सिद्ध हुई है।
डॉ. वर्मा ने बताया, "ग्राफ्टिंग तकनीक के माध्यम से हम दो अलग-अलग पौधों के गुणों को एक साथ लाने में सफल हुए हैं। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि पौधों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होगी।"
भविष्य की संभावनाएं*
इस सफल प्रयोग से किसानों को एक ही पौधे से दोनों फसलों के गुण मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकती है, जिनके पास सीमित भूमि है।
महाविद्यालय के सभी अतिथि शिक्षक डॉ . प्रीति टोप्पो ,डॉ . खिरोमणी नाग ,डॉ . माधुरी सिंह ,सौरभ सिन्हा एवं सुश्री प्रेमलता ने बताया कि इस प्रयोग को और विकसित करने के बाद इसे स्थानीय किसानों तक पहुँचाने की योजना है, ताकि कृषि उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सके।
इस नवाचार से उद्यानिकी छात्रों में भी नई तकनीकों को सीखने का उत्साह देखा जा रहा है, जो भविष्य में उद्यानिकी क्षेत्र के विकास के लिए है ।
