सावन का पहला सोमवार आज, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न - CGKIRAN

सावन का पहला सोमवार आज, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न


भारती देवांगन, चंगोराभाठा रायपुर छत्तीसगढ़  

14 जुलाई 2025 को सावन महीने का पहला सोमवार है। यह दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ है। मान्यता है कि सावन सोमवार पर शिव पूजन करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा जीवन में सदैव सुख-समृद्धि वास करती हैं। सावन का शिव जी का प्रिय माह माना गया है, मान्यता है कि इसी माह में देवी पार्वती ने शिव को प्रसन्न कर उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था। सोमवार का दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना गया है। माना जाता है कि इस माह में यदि भोलेनाथ को प्रसन्न करना है तो एक लोटा जल ही काफी है, भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने मात्र से जातक की सभी मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। सावन में आने वाले हर एक सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है।

इस वर्ष सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। पूरे एक माह के दौरान शिवजी और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक और उनकी प्रिय चीजों से रुद्राभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होते हैं और जो भक्त सच्चे मन से उनकी पूजा-आराधना करता है उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। पूरे सावन माह भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

कैसे करनी है शिव की पूजा?

सोमवार का दिन बेहद खास है, इस दिन सुबह उठें और स्नान आदि से निवृत्त हों और साफ कपड़े पहनें शिवलिंग की पूजा के लिए अब मंदिर जाएं , अगर मंदिर जानें में असमर्थ हैं तो घर में शिवलिंग स्थापित करें और श्रद्धापूर्वक पूजन करें। पहले शिव का जलाभिषेक करें, फिर दूध, दही, शहद, घी अर्पित करें। इसके बाद उन्हें पुन: गंगाजल से स्नान कराएं। अब भोलेनाथ के माथे पर त्रिपुंड तिलक लगाएं और बेलपत्र, सफेद फूल, भांग, धतूरा, आक का फूल, अक्षत चढ़ाएं। इसके बाद शिव जी को तीन बार ताली बजाते हुए सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

सावन के पहले सोमवार पर शुभ योग

सावन सोमवार पर भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस बार सावन का पहला सोमवार, 14 जुलाई को है और इस दिन बहुत ही शुभ योगों का निर्माण भी हुआ है। इस दिन सावन सोमवार के साथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी है साथ ही आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। 

सावन सोमवार व्रत महत्व 

सावन सोमवार का व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मसंयम और आध्यात्मिक साधना की प्रक्रिया भी है। यह व्रत नारी के लिए अखंड सौभाग्य, पति की दीर्घायु और दाम्पत्य सुख के लिए किया जाता है, वहीं पुरुषों के लिए यह शक्ति, शांति और आत्मिक उन्नति का माध्यम बनता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं में अत्यंत लोकप्रिय है, जो योग्य वर की प्राप्ति के लिए श्रद्धा से यह व्रत करती हैं।

मान्यता है कि स्वयं पार्वती जी ने भी शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु कठोर तप किया था, जो इस व्रत का मूल प्रेरणास्त्रोत है। सावन सोमवार व्रत श्रद्धा, संयम और साधना का संगम है। इसमें केवल बाह्य आडंबर नहीं, अपितु अंतर की शुद्धि और आत्मा की उन्नति की कामना समाहित है। शिव तत्व को पाने के लिए यह श्रेष्ठ मार्ग है…जहां आस्था से आरंभ होता है और आत्मिक शांति पर समाप्त।

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