आदिवासी अंचलों में बेटियों के सशक्तिकरण की नई इबारत - CGKIRAN

आदिवासी अंचलों में बेटियों के सशक्तिकरण की नई इबारत


छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल मोहला-मानुपर-अम्बागढ़- चौकी जिले में बेटियों के सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत जिले के सभी 29 सेक्टर मुख्यालयों में आयोजित धरती आबा संतृप्ति शिविरों के माध्यम से कुल 350 आदिवासी बालिकाओं के सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। यह पहल जिला प्रशासन  और महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से साकार हुई।

जिला कलेक्टर ने बताया कि इस पहल के अंतर्गत अब तक जिले में 7500 से अधिक बालिकाओं के सुकन्या खाते खोले जा चुके हैं, जो बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ठोस प्रमाण है। विशेष बात यह रही कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली सहायता राशि को कई माताओं ने अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या खाते में प्रारंभिक निवेश के रूप में उपयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ खाता खोलने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह बेटियों को लेकर सामाजिक सोच में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रभावशाली पहल है। हमारा प्रयास है कि कोई भी पात्र बालिका इस योजना से वंचित न रहे।

इस पहल से न केवल जनजातीय समुदाय में बेटियों के भविष्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है, बल्कि यह बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे राष्ट्रीय अभियानों को स्थानीय स्तर पर सशक्त आधार भी प्रदान कर रही है। सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का यह उत्कृष्ट उदाहरण आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है। यह पहल यह दर्शाती है कि जब प्रशासनिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी मिलती है, तो विकास की किरणें समाज के सबसे दूरस्थ हिस्सों तक भी पहुंचती हैं।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads