बस्तर की महिला किसानों ने लहराया परचम, मिला मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया सम्मान
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की महिलाएं अब खेती के क्षेत्र में अपनी मेहनत और नवाचार के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बना रही हैं। इसी कड़ी में बस्तर जिले के बकावंड जनपद की दो महिला किसान नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में सम्मानित की गईं। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में इन्हें मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया–2025 अवॉर्ड प्रदान किया गया। यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय बनी है। सम्मान प्राप्त करने वाली महिलाओं में छिंदगांव की सुमनी कश्यप और करीतगांव की नेत्री बाई कश्यप शामिल हैं। दोनों महिलाएं बिहान योजना से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य हैं और पिछले कुछ वर्षों से खेती में नई तकनीकों और उन्नत तरीकों को अपनाकर बेहतर परिणाम हासिल कर रही हैं। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम कृषि जागरण द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें सम्मानित किया गया।
यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि सीमित संसाधनों और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद इन्होंने गांव में रहकर खेती को रोजगार और समृद्धि का माध्यम बनाया। आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक प्रयोग, बेहतर उत्पादन पद्धतियों और मार्केटिंग को अपनाकर न केवल ये आर्थिक रूप से मजबूत हुईं, बल्कि आत्मनिर्भरता का प्रेरक उदाहरण भी बनीं।
दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान इन महिला किसानों ने आधुनिक कृषि तकनीक, स्टार्टअप, मार्केटिंग और उद्यमिता से जुड़े सत्रों में हिस्सा लिया। इस अनुभव ने उन्हें भविष्य की उन्नत कृषि संभावनाओं से जोड़ने का अवसर दिया। बस्तर से निकलकर देश की राजधानी में अपनी सफल पहल का प्रतिनिधित्व करना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो प्रदेश की महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
