कौन हैं सौम्या चौरसिया ? .. .घोटाले में 5वीं बार गिरफ्तार, ईडी का दावा- सौम्या को मिले 115 करोड़ रुपये - CGKIRAN

कौन हैं सौम्या चौरसिया ? .. .घोटाले में 5वीं बार गिरफ्तार, ईडी का दावा- सौम्या को मिले 115 करोड़ रुपये

 


शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव, सौम्या चौरसिया, को ईडी ने गिरफ्तार किया है। इस घोटाले में उनका नाम पहले से ही शामिल था, और वह जेल की कालकोठरी में समय बिता चुकी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित तीन हजार दो सौ करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। ईडी ने आज बुधवार को उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया। पूछताछ के लिए तीन दिन की रिमांड मांगी गई है। ईडी का दावा है कि शराब घोटाले से जुड़े करीब 115 करोड़ रुपये लक्ष्मीनारायण बंसल के जरिये सौम्या चौरसिया तक पहुंचा। उन पर 4364 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप है, जिसकी जांच व्हाट्सएप वार्तालाप और डायरी के आधार पर की गई है।

सौम्या चौरसिया कौन हैं?

पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव और निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में फिर गिरफ्तार किया है। इससे पहले भी ईडी ने उन्हें 2 दिसंबर 2022 को इसी मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद वह 822 दिन जेल में रहीं और 3 मार्च को जमानत पर रिहा हुईं। जमानत पर बाहर रहने के करीब 9 महीने बाद, मंगलवार को ईडी ने उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया है। अब उन्हें दोबारा रायपुर केंद्रीय जेल भेजा जाएगा। इस तरह सौम्या पर कुल 4364 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।

जांच एजेंसी का दावा है कि सौम्या 2008 बैच की डिप्टी कलेक्टर हैं। उनकी 17 साल की सेवा अवधि में शासन से उन्हें 89.19 लाख रुपये का वेतन मिला है, जबकि परिवार की कुल आय 2.51 करोड़ रुपये है। इसके बावजूद, उन्होंने 49.69 करोड़ रुपये की 45 बेनामी संपत्तियां खरीदीं, जो उनकी आय से 1872 प्रतिशत अधिक है। ईओडब्ल्यू ने सौम्या की 39 करोड़ रुपये की 29 संपत्तियां अटैच की हैं, जबकि ईडी ने 8 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियां अटैच की हैं।

पूछताछ के आधार पर गिरफ्तारी

एजेंसी का दावा है कि रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, चैतन्य बघेल, मनीष उपाध्याय और जयचंद कोसले की चैट रिपोर्ट और पूछताछ के आधार पर सौम्या को गिरफ्तार किया गया है। पिछली सरकार के दौरान पावरफुल अधिकारियों के आधा दर्जन व्हाट्सएप ग्रुप थे, जिनमें 'बिग बॉस', 'जय मां काली ग्रुप', 'पाल ग्रुप', 'डिस्कशन ग्रुप', 'जुगनू ग्रुप', 'अवतार' और 'मंथली ग्रुप' शामिल हैं। 'मंथली ग्रुप' में पैसों के लेन-देन का जिक्र मिलता है। इन्हीं ग्रुप्स में मिले चैट के आधार पर सौम्या के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गिरफ्तार आरोपियों से जब्त डायरी में भी कोडवर्ड में इन लेन-देन का उल्लेख मिला है।

करीब 3200 करोड़ रुपये का शराब घोटाल

ईडी के मुताबिक, यह मामला करीब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि वर्ष 2019 से 2023 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राज्य की शराब नीति में बदलाव कर चहेती शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया। लाइसेंस की शर्तें ऐसे निर्धारित की गईं कि कुछ चुनिंदा कंपनियों को ही काम और लाभ मिल सके।

 नकली होलोग्राम और सील बनवाई

ईडी की जांच में सामने आया है कि इन कंपनियों ने नोएडा की एक फर्म के माध्यम से नकली होलोग्राम और सील बनवाई। नकली होलोग्राम लगी महंगी शराब की बोतलों को सरकारी दुकानों के जरिए बेचा गया। होलोग्राम फर्जी थे। इस वजह से बिक्री का पूरा रिकॉर्ड शासन के सिस्टम में दर्ज नहीं हो पाया और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री की जाती रही। इस तरह राज्य सरकार को लगभग 2165 करोड़ रुपये के राजस्व को नुकसान पहुंचा।

  4364 करोड़ के कुल घोटाले का आरोप

सौम्या पर कुल 4364 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसमें 500 करोड़ रुपये के अवैध कोल लेवी केस में ईडी की गिरफ्तारी, 540 करोड़ रुपये के कोल लेवी केस में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी, 575 करोड़ रुपये के डीएमएफ घोटाला में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी, और 49 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी शामिल है। अब 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में ईडी ने उन्हें फिर से गिरफ्तार किया है।


Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads