निकाय चुनाव में भी जनता ने लगाई विष्णु के सुशासन पर मुहर - CGKIRAN

निकाय चुनाव में भी जनता ने लगाई विष्णु के सुशासन पर मुहर


नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा ने अब तक सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए बड़ी जीत दर्ज की है. विष्णु के सुशासन पर जनता ने मुहर लगा दी  है.  दस नगर निगमों में हुए चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्वीप किया है. वहीं नगर पालिका और नगर पंचायतों में भाजपा का स्ट्राइक रेट 90 फीसदी रहा है. भाजपा की इस बड़ी जीत का श्रेय प्रदेश  के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को दिया जा रहा है. विष्णुदेव साय ने ज्यादातर निकायों में रोड शो कर भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में जनता का समर्थन मांगा था. 

बता दें की लोकसभा चुनाव में भी विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए राज्य की 11 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में ऐतिहासिक बढ़त के साथ भाजपा के प्रत्याशी को जीत मिली थी. संगठन से जुड़े आला नेता कहते हैं कि विष्णुदेव साय का सौम्य चेहरा, मोदी की गारंटी पर जनता का भरोसा और राज्य में सुशासन की बयान की वजह से जनता का समर्थन भाजपा को लगातार मिल रहा है.

नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की जीत के बड़े कारण सरकार की सुझबुझ और समझदारी से जनता के बीच योजनाओ का बेहतर क्रियान्वयन जैसे की महतारी वंदन योजना , दो साल का बकाया बोनस, धान का समर्थन मूल्य, नई उद्योग नीति, पीएम आवास, छात्रों को ब्याज मुक्त कर्ज, रामलला दर्शन योजना जैसी योजनाओं के बूते सुशासन की नींव मजबूत की.  विष्णु के नेतृत्व में जनता का भरोसा बढ़ा है. साय सरकार के दीर्घ राजनीतिक अनुभव, सौम्य और सरल चेहरा और कुशल प्रशासनिक नेतृत्व के बूते जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा है. सरकार की बागडोर संभालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने स्वभाव के विपरीत जाकर कई कड़े फैसले लिए. पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच, सीजीएमएससी घोटाले की ईओडब्ल्यू-एसीबी में एफआईआर, कोयला-शराब-महादेव एप जैसे घोटाले पर बरती गई सख्ती ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का काम किया इससे सरकार पर लोगो का भरोसा बढ़ा है.  वहीँ सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय बनाकर नेतृत्व को एक नई दिशा दी और ठोस निर्णयों ने  जनता का भरोसा जीता. मुख्यमंत्री ने अपनी कार्यकुशलता से सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल स्थापित करने में सफल रहे .  

वहीं भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में जिताऊ चेहरे ही मैदान में उतारे. रायगढ़ जैसी सीट पर एक चाय वाले को टिकट देकर यह संकेत दे दिया कि यह नई भाजपा है. जहां बड़े नेताओं के पसंदीदा चेहरे ही टिकट नहीं पा सकते. आम आदमी भाजपा का चेहरो हो सकता है. जहाँ पूर्ववर्ती सरकार ने महापौर और अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रत्यक्ष प्रणाली को बदल दिया था. साय सरकार ने प्रत्यक्ष निर्वाचन की पुरानी नीति पर अमल किया. इस प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली से पार्षदों की खरीद-फरोख्त की आशंका को खत्म हुई. इससे महापौर-अध्यक्ष के प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली का फायदा भाजपा को मिला. निकायों में भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत का परचम लहराया.


 


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