प्रयागराज महाकुंभ में दिख रही छत्तीसगढ़ की अद्भुत झलक, CM विष्णुदेव साय की पहल पर रुकने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था - CGKIRAN

प्रयागराज महाकुंभ में दिख रही छत्तीसगढ़ की अद्भुत झलक, CM विष्णुदेव साय की पहल पर रुकने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था

 


उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति की तस्वीर दिखाई दे रही है. छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट को धारण किया हुआ प्रवेश द्वार लोगों को आकर्षित कर रहा है. प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुंभ में लक्ष्मीद्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने छत्तीसगढ़ पैवेलियन स्थित है. इसके प्रवेश द्वार को छत्तीसगढ़ की पहचान गौर मुकुट का रूप दिया गया है जो दूर से ही श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है. प्रवेश द्वार पर ही भारत के नियाग्रा कहे जाने वाले बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर लगी है. जिस तरह से छत्तीसगढ़ को जानने और समझने की इच्छा रखने वाले यहां आ रहे हैं उससे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की सार्थकता झलक रही है. इसे देखकर कहा जा सकता है मानों उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मानो एक छोटा सा छत्तीसगढ़ ही बसा हुआ है. मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदर्शी सोच से प्रयागराज में राज्य के लोगों के लिए ठहरने और भोजन करने की निःशुल्क व्यवस्था की है.

छत्तीसगढ़ के प्रदर्शनी में प्रवेश करने के पहले बस्तर के ढोकरा शिल्प और राजकीय पशु तथा पक्षी को दर्शाया गया है. प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ शासन की फ्लैगशिप योजनाओं विशेषतर मोर आवास मोर अधिकार, 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी योजना की जानकारी दर्शाई गई है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक विरासत के रूप में सिरपुर और जैतखाम की प्रतिकृति को निर्मित किया गया है. 

कैसे पहुंचे छत्तीसगढ़ पवेलियन

छत्तीसगढ़ के जो भी श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाना चाहते हैं उनके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. छत्तीसगढ़ पवेलियन महाकुंभ मेला के सेक्टर 6 में स्थित है. यह ठीक बघाड़ा मेला के पास स्थित है जहां आने के लिए लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करना है. यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयाग है. सड़क अथवा हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रास्ते यमुना ब्रिज क्रॉस करके यहां पहुंच सकते हैं.

महाकुंभ 2025 का कार्यक्रम

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा) से शुरू हो चुका है और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा. महाकुंभ में श्रद्धालु अब तक दो शाही स्नान (पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति) कर चुके हैं. आगामी तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या) को आयोजित होगा.


 

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