केंद्र की छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात, कहा- देश की हर पंचायत में बनेगी एक सहकारी समिति - CGKIRAN

केंद्र की छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात, कहा- देश की हर पंचायत में बनेगी एक सहकारी समिति

 


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के तीसरे दिन नवा रायपुर के एक होटल में राज्य में सहकारिता के विस्तार से संबंधित समीक्षा बैठक ली। इस दौरान शाह ने छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों में पानी समिति के रूप में प्राथमिक कृषि साख समिति की शुरुआत की। देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति बनाने की बात कही। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सहकार से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने के लिए देश की हर पंचायत में एक सहकारी समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को संपूर्ण जनजातीय विकास के लिए एक नई पब्लिक डेयरी योजना बनानी चाहिए, जो पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी संस्था का काम करेगी।

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हर मंडी के हर व्यापारी, ‘पैक्स‘    और सहकारी संस्था का खाता ज़िला सहकारी बैंक में खोलना अनिवार्य है। छत्तीसगढ़ में 4 सहकारी चीनी मिलें हैं, जिनमें से सिर्फ एक मिल में इथेनॉल उत्पादन प्लांट है। श्री शाह ने कहा कि बाकी 3 सहकारी चीनी मिलों में 6 महीने के अंदर मल्टी-फीड (Multi-Feed) इथेनॉल उत्पादन प्लांट लगाए जाएं, जिससे मक्का, गन्ना आदि से इथेनॉल उत्पादन किया जा सके, इसमें केन्द्र सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मक्के और दलहन की खेती को बढ़ावा देने की ज़रूरत है और इसके लिए राज्य के कृषि विभाग को पहल करनी चाहिए।

खुलेंगे चार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक

केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में 6 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक हैं। पैक्स के विस्तार को देखते हुए कम से कम 4 और जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक स्थापित किये जाये। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए व्होल ऑफ गवर्नमेंट एप्रोच  के तहत राज्य सरकार के पशुपालन, कृषि, जनजातीय मामले और सहकारिता विभागों को मिलकर काम करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और अन्य अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत, शाह ने पौधे लगाए और विभिन्न राज्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में सहकारी विस्तार के लिए शुष्क क्षेत्रों की पहचान करने के लिए राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के उपयोग का आग्रह किया।

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