अनोखा आम, दाम है ढाई लाख - CGKIRAN

अनोखा आम, दाम है ढाई लाख


छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पहली बार आयोजित आम महोत्सव में जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। 300 से अधिक आमों की वैरायटी देखने और उसका स्वाद चखने शहरवासी जोरा स्थित पंजाब केसरी भवन पहुंच रहे हैं। प्रदर्शनी में आम की एक ऐसी वैरायटी शामिल हुई, जिसने सभी को अचंभित कर दिया है। उस आम का नाम है "मियाजाकी जापान आम"। ये आम कोई मामूली आम नहीं है, बल्कि खास है. क्या आपने कभी ऐसे आम की वैरायटी के बारे में सुना है, जो ढाई लाख रुपए किलो बिकता हो और एक आम में 2 तरीके का टेस्ट हो. ये आम इस समय इस वजह से चर्चा में बनी हुई है. क्योंकि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के जोरा स्थित एक होटल में आम महोत्सव का कार्यक्रम ऑर्गनाइज किया गया है, जिसमें इस वैरायटी का आम लाया गया है. यह आम जापान में खास तरीके से उगाया जाता है, जिसका नाम है मियाजाकी.

राजधानी के जोरा स्थित पंजाब केसरी भवन में उद्यानिकी विभाग की ओर से आम महोत्सव मनाया जा रहा है. तीन दिवसीय महोत्सव में हर प्रजाति के आम की प्रदर्शनी लगाई गई है. राजधानी के लोग इस प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. देश दुनिया के अनोखे और अलबेले आमों की खासियत जानने को हर कोई बेताब है.  प्रदर्शन में आम्रपाली, बैंगनपल्ली, लंगड़ा, चौसा, दशहरा, तोतापरी, पूसा, लालिमा, पैरी, देसी, हिमसागर, फजली, बाम्बेग्रीन, सुन्दरजा जैसी हजारों किस्में हैं. इनकी खूबियों के साथ ही स्वाद की भी जानकारी लोगों को दी जा रही है.

 प्रदर्शन में अमेरिका के कैलिफोर्निया सहित चाइना, बांग्लादेश, फिलीपींस, जापान जैसे देशों से भी आम मंगाए गए हैं. इन सभी आमों में सबसे खास आम है मियाजाकी आम. जापान से आए इस आम की कीमत दो लाख 70 हजार रुपए प्रति किलो है. रूप रंग बाकी आमों की तरह ही है. साइज में यह बाकी के आमों के मुकाबले थोड़ा बड़ा है. ऊपर से यह आम हरा और नीचे से हल्का पीले रंग का है. इस आम की खुशबू बाकी आमों से बिल्कुल अलग है.

गिफ्ट करने में खास है आम, इसलिए ज्यादा है दाम: मियाजाकी आम के बारे में कृषि विश्वविद्यालय में फलों पर रिसर्च करने वाले आदित्य गौराह ने बताया कि "मियाजाकी आम की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में करीब 3 लाख रुपए है. यह आम इसलिए पसंद किया जाता है, क्योंकि गिफ्ट करने में यह बहुत खास होता है. यह खास इसलिए भी है क्योंकि जिस ओर से इस पर सनलाइट पड़ती है, उस ओर का टेस्ट और उसके निचले हिस्से का टेस्ट बिल्कुल अलग अलग होता है."

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