लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद छत्तीसगढ़ की साय कैबिनेट में हो सकता है बदलाव.. ?
लोकसभा चुनाव का दौर अभी जारी है लेकिन छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव खत्म हो गया है। चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश में अटकलों का दौर जारी है। बता दें कि प्रदेश में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव हुआ जो पिछले 7 मई को सम्पन्न हुआ है। लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जून को घोषित होंगे. चुनाव परिणाम का असर देश की सियासत में देखने को मिलेगा. वहीं, दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की सियासत पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ेगा. खासकर साय कैबिनेट पर इसका असर देखने को मिल सकता है. इसके कई कारण हैं. पहला कारण तो यह है कि साय कैबिनेट का कद्दावर मंत्री इस लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत अजमा रहे है फिर दूसरी ओर अभी छत्तीसगढ़ में मंत्री का एक पद खाली भी है। इसके अलावा मंत्रिमंडल में कई तरह के फेरबदल की भी सियासी अटकलें लगाई जा रही है. इसकी एक और वजह यह भी है कि वर्तमान में पार्टी ने एक-एक मंत्री को एक-एक लोकसभा सीट की कमान सौंपी है. वहीं, जो पूर्व मंत्री हैं, उन्हें भी क्लस्टर प्रभारी बनाया गया है. जिनके अंडर में तीन से चार लोकसभा सीटें शामिल है. इन सभी के द्वारा लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की तैयारी की गई. राजनीति के जानकार ऐसी संभावनाएं जता रहे हैं कि उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें साय कैबिनेट में कोई जिम्मेदारी मिल सकती है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ की लोकसभा चुनाव में वर्तमान में साय कैबिनेट के मंत्रियों को लोकसभा चुनाव की कमान भी सौंपी गई है. इसमें श्याम बिहारी जायसवाल को सरगुजा, लक्ष्मी राजवाड़े को रायगढ़, अरुण साव को कोरबा, विजय शर्मा को जांजगीर, दयाल दास बघेल को बिलासपुर, बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर, राम विचार नेताम को दुर्ग, लखन लाल देवांगन को राजनंादगांव, टंकराम वर्मा को महासमुंद, केदार कश्यप को कांकेर और ओपी चौधरी को बस्तर लोकसभा सीट की कमान सौंपी गई है. इस बात की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि वर्तमान में जो मंत्री विधायक लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, यदि वे जीत कर सांसद बनते हैं तो वो विधानसभा सीट खाली हो जाएगा. वहां पर उपचुनाव होंगे. ऐसे में उप चुनाव में जीत हासिल करने वाले विधायकों को भी साय कैबिनेट में जगह मिल सकती है. ऐसे में ये यह सभी मंत्री, विधायक और नेता अपनी-अपनी लोकसभा सीट पर बेहतर प्रदर्शन का प्रयास तो किया है पर देखना यह है कि इनका प्रयास उस विधानसभा क्षेत्र में कितना रंग लाता है. ऐसे में जिसका परफॉर्मेंस सबसे अच्छा होगा, उसे साय कैबिनेट में जगह मिलने की भी संभावना है. यही कारण है कि लोकसभा चुनाव के बाद साय कैबिनेट में बड़ा फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.