कृषि
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिजली के बढ़े दामों को मामूली बताया है. हाल ही में छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिल के दाम बढ़ाए हैं. इस पर सीएम ने कहा कि, वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ में मात्र 1.89% की वृद्धि की गई है. ये जो विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है. साथ कहा कि, किसानों को सब्सिडी मिल रही ऐसे में किसानों पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत भी सब्सिडी मिल रही है. 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78 हजार तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30 हजार तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा. यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल है. हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े. घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. इसका भी सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है.
सरकार देगी सब्सिडी- किसानों को नहीं देना होगा बढ़ा बिजली बिल
Wednesday, July 16, 2025
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिजली के बढ़े दामों को मामूली बताया है. हाल ही में छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग ने बिजली बिल के दाम बढ़ाए हैं. इस पर सीएम ने कहा कि, वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ में मात्र 1.89% की वृद्धि की गई है. ये जो विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है. साथ कहा कि, किसानों को सब्सिडी मिल रही ऐसे में किसानों पर भी इसका असर नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत भी सब्सिडी मिल रही है. 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78 हजार तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30 हजार तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा. यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल है. हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े. घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. इसका भी सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है.
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