रायपुर लोकसभा सीट-भाजपा के गढ़ में कांग्रेस की चुनौती
छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है। यहां राष्ट्रीय मुद्दों के साथ साथ स्थानीय मुद्दों पर भी बाजार में चर्चा चल रहा है। राष्ट्रीय नेताओं के साथ साथ स्थानीय नेताओं ने भी लगातार प्रचार की कमान संभाले हुए है। बात करें भाजपा और कांग्रेस पार्टी की तो दोनों ही दलों के नेताओं ने अपनी ताकत झोंक दी है। रायपुर लोकसभा सीट की सभी विधानसभा सीटों में प्रचार शुरू हो चुका है। 2024 के इस मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय आमने-सामने हैं। राष्ट्रीय मुद्दों के बीच स्थानीय मुद्दे चुनाव में जनता की आवाज बने हुए हैं। बृजमोहन अग्रवाल जो कि अभी वर्तमान सरकार में मंत्री है और रायपुर विधानसभा के अजेय योद्धा है और लगातार रायपुर में अपनी पहचान बनाए हुए है विधायक चुनाव में आज तक उनकों कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा है और लगातार जीतते आ रहे है। लोगों में उसकी पहचान अजेय योद्धा के रूप में हो गई है। उनके साथ कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय है जो कि पिछले विधानसभा में हार गये थे और पार्टी ने अभी इस लोकसभा में अपना प्रत्याशी बनाया है। विकास उपाध्याय युवा नेता है और पिछले कांग्रेस सरकार में रायपुर से विधायक थे।
प्रदेश में रायपुर लोकसभा सीट का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। राजनीतिक सफर पर गौर करें तो बीते 20 वर्षों से यहां भाजपा का कब्जा रहा है। कांग्रेस को यहां अपनी जमीन तलाशने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ रही है, वहीं भाजपा के पास सीट बरकरार रखने की चुनौती है। रायपुर लोकसभा सीट की सभी विधानसभा सीटों में प्रचार शुरू हो चुका है। कल बृजमोहन अग्रवाल ने अपना नामांकन शक्ति प्रदर्शन व रेैली के साथ भर दिया है। नामांकन दाखिल करने के लिए जिला बीजेपी जिला कार्यालय एकात्म परिसर से रैली निकाली गई। बीजेपी ने इस रैली के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया। रैली एकात्म परिसर से शुरू होकर रायपुर के चौक-चौराहों को होती हुई कलेक्टोरेट परिसर पहुंची, जहां बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, किरणसिंह देव के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि पीएम मोदी ने मुझे रायपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया। इसके लिए उन्होंने पीएम मोदी, अमित शाह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया। लोगों से कहा कि अब आप लोगों की आवाज लोकसभा में उठाने का मुझे मौका मिलेगा।सीएम साय ने लोगों से कहा कि आने वाला लोकसभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। यह पीएम रेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है। पीएम मोदी ने 10 सालों तक रात दिन एक करके देश की 140 करोड़ लोगों की चिंता करते हुए काम किया है। लोगों के आगे बढ़ाने उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया है। उन्होंने बीजेपी के पक्ष में लोगों से वोट करने की अपील की। 2024 के इस मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल और कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय आमने-सामने हैं। राष्ट्रीय मुद्दों के बीच स्थानीय मुद्दे चुनाव में जनता की आवाज बने हुए हैं। गांव-शहरों की अपनी मांगें हैं। पक्की चौड़ी सड़क, नाली, तालाबों की साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन व बेहतर कानून व्यवस्था पर लोग प्रत्याशियों से बात कर रहे हैं। साथ ही भाजपा केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिना रही है, वहीं कांग्रेस सत्ता की कमजोरी सामने रख रही है।
रायपुर लोकसभा वही सीट है,जहां प्रदेश की पहली महिला लोकसभा सदस्य व सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लडऩे वाली मिनीमाता ने चुनाव लड़ा था। कांग्रेसी नेता स्व.विद्याचरण शुक्ल से लेकर गांधीवादी और किसान मजदूर आंदोलन के प्रणेता केयूर भूषण ने भी अपनी राजनीति की शुरुआत रायपुर से की। वे इस सीट पर दो बार के सांसद रहे। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस यहां से सात बार सांसद रह चुके हैं।
हार के बाद भी बृजमोहन से टक्कर लेंगे विकास
रायपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व आठ बार विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सामने कांग्रेस के युवा नेता व पूर्व विधायक विकास उपाध्याय हैं। भाजपा ने 20 वर्षों से अजेय सीट की लीड बरकरार रखने के लिए ऐसे नेता को मैदान पर उतारा, जिसने हार का स्वाद चखा ही नहीं। इधर, रायपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने कई कद्दावर नेताओं की भीड़ में ऐसे नेता को टिकट दिया, जो कि पिछला विधानसभा चुनाव हार गए हैं, लेकिन विकास उपाध्याय इससे पहले 2018 के चुनाव में मंत्री राजेश मूणत को हराकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। राहुल गांधी से नजदीकी होने का फायदा उन्हें मिला। दोनों प्रत्याशी राष्ट्रीय मुद्दों के साथ स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के पास जा रहे हैं।
रायपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब भाजपा का दबदबा है। मिनीमाता 1952, 1957, 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी की टिकट से अलग-अलग सीटों लोकसभा सदस्य चुनी गई थीं।रायपुर लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास पर गौर करें तो 1951 से अब तक 17 बार हुए चुनाव में आठ बार मतदाताओं ने कांग्रेस को चुना। कांग्रेस की लगातार जीत को पुरुषोत्तम कौशिक ने 1977 में तोड़ा था।
मोदी की गारंटी, विष्णु का सुशासन है मुद्दा : बृजमोहन
भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी की गारंटी, विष्णु का सुशासन मुद्दा है। 2014 से भाजपा के नेतृत्व में देश ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए लोगों का विश्वास जीता है। भ्रष्टाचारियों पर भाजपा सरकार ने कार्रवाई की है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र के जरिए भाजपा एक बार फिर जनता के दिलों में जगह बना चुकी है।
कांग्रेस की न्याय गारंटी, केंद्र सरकार की विफलता है मुद्दा - विकास उपाध्याय
कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय का कहना है कि कांग्रेस की न्याय गारंटी योजना के जरिए हम जनता के बीच पहुंच रहे हैं। महालक्ष्मी न्याय गारंटी योजना में महिलाओं को सालाना एक लाख रुपये की गारंटी कांग्रेस ही दे सकती है। 30 लाख सरकारी नौकरी का वादा हमने किया है। केंद्र सरकार की 10 वर्ष की विफलता को जनता अच्छे जान चुकी है। बेरोजगारी, महंगाई से आम आदमी का जीना मुहाल हो चुका है।
निर्वाचित- निकटतम प्रत्याशी
1999-रमेश बैस- भाजपा-3,54,736- 53.67- जुगल किशोर साहू-कांग्रेस-2,74,676-41.55
2004-रमेश बैस- भाजपा-3,76,029- 54.53- श्यामाचरण शुक्ल-कांग्रेस-2,46,510-35.75
2009-रमेश बैस- भाजपा-3,64,943- 49.19- भूपेश बघेल-कांग्रेस-3,07,042-41.38
2014- रमेश बैस-भाजपा-6,54,922- 52.6 सत्य नारायण शर्मा-कांग्रेस-4,83,276-38.82
2019- सुनील सोनी- भाजपा-10,71,920-60.20 प्रमोद दुबे-कांग्रेस-10,38,885-35.18
लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा क्षेत्र व विधायक
विधानसभा-विधायक
बलौदाबाजार-टंकराम वर्मा(भाजपा)
भाटापारा-शिवरतन शर्मा(भाजपा)
धरसींवा-अनुज शर्मा(भाजपा)
रायपुर नगर पश्चिम-राजेश मूणत (भाजपा)
रायपुर नगर उत्तर-पुरंदर मिश्रा (भाजपा)
रायपुर नगर दक्षिण-बृजमोहन अग्रवाल (भाजपा)
रायपुर ग्रामीण-मोतीलाल साहू (भाजपा)
अभनपुर-इंद्रकुमार साहू (भाजपा)
आरंग-गुरु खुशवंत सिंह साहेब (भाजपा)