छत्तीसगढ़
देश-दुनिया
जल एक ऐसा दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन है, जो सिर्फ कृषि कार्यों के लिए ही नहीं बल्कि पृथ्वी पर जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन चिंतनीय स्थिति यह है कि जल की कमी का संकट न केवल भारत बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों की एक विकट समस्या बन चुका है। दुनिया का 70 फीसदी हिस्सा पानी से घिरा हुआ है और इसमें 97 फीसदी पानी ऐसा है जो पीने लायक नहीं है. वहीं 3 फीसदी पानी पर पूरी दुनिया जीवित है. पानी के बिना जीवन की कल्पना करना अंसभव है जल ही जीवन है, यह कहावत हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। सदियों से प्रचलित इस कहावत की सत्यता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी पहले थी। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस, हमारे जीवन में जल के महत्व को रेखांकित करता है। जल एक ऐसा अनमोल संसाधन है जो सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है। लेकिन आज के समय में दुनिया जल संकट से जूझ रहा है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण, और कृषि में जल के अत्यधिक उपयोग के कारन जल संकट एक गंभीर समस्या बन गया है। जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अनियंत्रित जल उपयोग के कारण यह संकट बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हम विश्व जल दिवस के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं और जल प्रदूषण को रोकने के उपायों के बारे में बता सकते हैं। यह एक महत्ववपूर्ण दिवस है जब विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों की मदद से लोगों को इस अनमोल संसाधन को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पहली बार विश्व जल दिवस 1993 में मनाया गया था। इस दिन की घोषणा 1992 में रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील में आयोजित एक सम्मेलन में की गयी थी। उस सम्मेलन में इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। वहीं संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया और 22 मार्च 1993 को पहली बार यह दिवस मनाया गया। तब से लेकर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है। भारत सहित पूरे विश्व में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां पर पानी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे ज्यादा होने की सम्भावना है। ऐसे में इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष यह दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2024 की थीम Leveraging Water for Peace है। इस थीम के द्वारा जल के महत्व पर ज़ोर दिया जायेगा। वहीं इसी थीम के आधार पर विभिन्न राष्ट्रों द्वारा कार्यक्रम भी आयोजित किए जायेंगे। आज विश्व जल दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेने की जरूरत है कि हम धरती के पानी का विनाश नहीं करेंगे और इसे संरक्षित करने की दिशा में सहयोग करेंगे। ताकि आने वाले भविष्य में हमें जल की कमी न हो और विश्व अपने इस प्राकृतिक संसाधन को भविष्य के लिये बचा सके। आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.....
जल है तो कल है....विश्व जल दिवस पर विशेष
Friday, March 22, 2024
Edit
जल एक ऐसा दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन है, जो सिर्फ कृषि कार्यों के लिए ही नहीं बल्कि पृथ्वी पर जीवन के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन चिंतनीय स्थिति यह है कि जल की कमी का संकट न केवल भारत बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों की एक विकट समस्या बन चुका है। दुनिया का 70 फीसदी हिस्सा पानी से घिरा हुआ है और इसमें 97 फीसदी पानी ऐसा है जो पीने लायक नहीं है. वहीं 3 फीसदी पानी पर पूरी दुनिया जीवित है. पानी के बिना जीवन की कल्पना करना अंसभव है जल ही जीवन है, यह कहावत हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। सदियों से प्रचलित इस कहावत की सत्यता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी पहले थी। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस, हमारे जीवन में जल के महत्व को रेखांकित करता है। जल एक ऐसा अनमोल संसाधन है जो सभी जीवित प्राणियों के लिए आवश्यक है। लेकिन आज के समय में दुनिया जल संकट से जूझ रहा है। बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण, और कृषि में जल के अत्यधिक उपयोग के कारन जल संकट एक गंभीर समस्या बन गया है। जल प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, और अनियंत्रित जल उपयोग के कारण यह संकट बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हम विश्व जल दिवस के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं और जल प्रदूषण को रोकने के उपायों के बारे में बता सकते हैं। यह एक महत्ववपूर्ण दिवस है जब विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों की मदद से लोगों को इस अनमोल संसाधन को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पहली बार विश्व जल दिवस 1993 में मनाया गया था। इस दिन की घोषणा 1992 में रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील में आयोजित एक सम्मेलन में की गयी थी। उस सम्मेलन में इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का प्रस्ताव रखा गया था। वहीं संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया और 22 मार्च 1993 को पहली बार यह दिवस मनाया गया। तब से लेकर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है। भारत सहित पूरे विश्व में बहुत सी ऐसी जगह हैं जहां पर पानी का संकट बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक भारत में पानी का संकट सबसे ज्यादा होने की सम्भावना है। ऐसे में इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष यह दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2024 की थीम Leveraging Water for Peace है। इस थीम के द्वारा जल के महत्व पर ज़ोर दिया जायेगा। वहीं इसी थीम के आधार पर विभिन्न राष्ट्रों द्वारा कार्यक्रम भी आयोजित किए जायेंगे। आज विश्व जल दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेने की जरूरत है कि हम धरती के पानी का विनाश नहीं करेंगे और इसे संरक्षित करने की दिशा में सहयोग करेंगे। ताकि आने वाले भविष्य में हमें जल की कमी न हो और विश्व अपने इस प्राकृतिक संसाधन को भविष्य के लिये बचा सके। आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.....
Previous article
Next article