सहजन की खेती : सालाना कमाएं 6 लाख - CGKIRAN

सहजन की खेती : सालाना कमाएं 6 लाख


पिछले कुछ सालों से सहजन की खेती की लोकप्रियता किसानों के बीच बहुत तेजी से देखने को मिली है। क्योंकि यह कम लागत में किसानों को अच्छी खासी कमाई करा देता है। सहजन बिना किसी विशेष देखभाल एवं शून्य लागत पर आमदनी देनी वाली फसल हैं। किसान भाई अपने घरों के आसपास अनुपयोगी जमीन पर सहजन के कुछ पौधे लगाकर जहां उन्हें घर के खाने के लिए सब्जी उपलब्ध हो सकेंगी वहीं इसे बेचकर आर्थिक सम्पन्नता भी हासिल कर सकते हैं। बाजारों में सहजन के फूल, छोटे-छोटे सहजन से लेकर बड़े सहजन के फलों का काफी अच्छा मूल्य प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा सहजन के बीजों से तेल को निकाल कर उपयोग में लाया जाता है, तथा इसके बीजों को उबालकर सुखाकर उससे पाउडर को तैयार कर विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। कुल मिलाकर सहजन के प्रत्येक भाग से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त हो जाता है। सहजन की खेती बंजर भूमि पर भी की जा सकती हैं। सहजन को एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाले पौधे के रूप में जाना जाता हैं। गांवों में सहजन का पौधा बिना किसी विशेष देखभाल के ही किसानों के घरों के पास लगाया जाता है। वर्ष में एक बार सर्दियों के मौसम में इसके फल का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। वहीं दक्षिण भारत के लोगों की बात करें तो वहां के लोग सहजन के फूलों, फल, पत्तियों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की सब्जियों के रूप में पूरे साल करते हैं। दुनिया में भारत के अलावा फिलीपिंस, श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको ऐसे कई देश है जहां पर सहजन की खेती विशेष रूप से की जाती है। सहजन के पौधों में औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिससे इसके पौधों के सभी भागों का इस्तेमाल अनेक प्रकार के कार्यों में किया जाता है। यदि आप इसे 1 एकड़ की जमीन में भी लगाते हैं, तो इससे आप प्रतिवर्ष 6 लाख रूपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं। इस तरह से सहजन की खेती करने के व्यवसाय से आप कम पैसों में अधिक फायदा प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप भी सहजन की खेती करना चाहते है, तो आज हम ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से आपको सहजन की खेती कैसे करें, सहजन की खेती से आपको होने वाले लाभ की जानकारी दे रहे हैं।

सहजन में पाये जाने वाले पोषक तत्व

सहजन का वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। यह एक बहु उपयोगी पेड़ है। इसे हिन्दी में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं। सहजन में मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रट, वसा, प्रोटीन, पानी, विटामिन, कैल्शियम, लोहतत्व, मैगनीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसलिये इसके विभिन्न भागों का विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है। सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं। इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल और फूलों से पारम्परिक दवाईयाँ बनायी जाती है। दक्षिण भारतीय व्यंजनों में इसका प्रयोग बहुत किया जाता है। मोरिंगा या सहजन आदि नामों से जाना जाने वाला सहजन औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इसमें 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण हैं। इसमें 90 तरह के मल्टीविटामिन्स, 45 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 35 तरह के दर्द निवारक गुण और 17 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं।

सहजन की खेती से होने वाले मुख्य फायदे

सहजन के पौधों की मुख्य विशेषता यह हैं कि इसके एक बार बुवाई कर देने के बाद यह चार साल तक उपज देता हैं। इसके पौधों को अधिक जमीन की आवश्यकता नहीं होती इसे घर के बगल में भी लगा सकते हैं। इसके पेड़ को न ही ज्यादा पानी की आवश्यकता होती हैं और न ही इसका ज्यादा रखरखाव करना पड़ता है। सहजन बहुउपयोगी पौधा हैं । पौधे के सभी भागों का प्रयोग भोजन, दवा औद्योगिक कार्यो आदि में किया जाता हैं । सहजन में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व व विटामिन हैं । एक अध्ययन के अनुसार इसमें दूध की तुलना में चार गुणा पोटाशियम तथा संतरा की तुलना में सात गुणा विटामिन सी हैं । सहजन का फूल, फल और पत्तियों का भोजन के रूप में उपयोग होता हैं। सहजन का छाल, पत्ती, बीज, गोंद, जड़ आदि से आयुर्वेदिक दवा तैयार किया जाता हैं।, जो लगभग 300 प्रकार के बीमारियों के इलाज में काम आता हैं। 

सहजन की फसल को वर्ष में दो बार प्राप्त करने के लिए मौजूदा उन्नत किस्में :  पी.के.एम.1, पी.के.एम.2, कोयंबटूर 1 व् कोयंबटूर 2 हैं।  इन किस्मो में उगने वाले पौधे 4 से 6 मीटर ऊंचे तथा इसमें 90 से 100 दिनों में फूल देने लगते हैं। इसकी विभिन्न अवस्थाओं में आवश्यकतानुसार तुड़ाई की जा सकती है। 

इस किस्म के पौधों से 4 से 5 वर्षो तक फसल को प्राप्त किया जा सकता है। प्रत्येक वर्ष फसल को प्राप्त करने के बाद पौधों को जमीन से एक मीटर की ऊंचाई से काटना चाहिए।

सहजन की खेती से मुनाफा एवं पैदावार

सहजन की खेती करने में मुनाफा बहुत अधिक होता है. क्योकि इसमें आप सहजन के फल, फूल एवं पत्तियों तीनों को बेचकर कमाई कर सकते है, क्योकि ये तीनों ही बाजार में बिकते हैं। तीनों चीजों की काफी मांग भी रहती है। साल में दो बार फल देने वाले सहजन की किस्मों की तुड़ाई फरवरी से मार्च और सितम्बर से अक्टूबर में होती है। सहजन की तुड़ाई बाजार और मात्रा के अनुसार 1 से 2 माह तक चलता है। सहजन के फल में रेशा आने से पहले ही तुड़ाई करने से बाजार में मांग बनी रहती है और इससे लाभ भी ज्यादा मिलता है। प्रत्येक पौधे से लगभग 40 से 50 किलोग्राम सहजन सालभर में प्राप्त हो जाता है। यदि आप इसे 1 एकड़ की जमीन में भी लगाते हैं, तो इससे आप प्रतिवर्ष 6 लाख रूपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं। सहजन की खेती से लेकर इसे बेचने तक के पूरे काम के लिए आपको केवल 50 से 60 हजार रूपये तक का ही खर्च आता है। इस तरह से सहजन की खेती करने के व्यवसाय से आप कम पैसों में अधिक फायदा प्राप्त कर सकते हैं।

कुल मिलाकर कर इसकी खेती करना काफी सरल एवं लाभकारी है। इसलिए सहजन की खेती करना आपके लिए काफी लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता हैं। इसकी फसल की बुवाई बहुत ही कम लागत में करके काफी अधिक पैसा कमाया जा सकता हैं।

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