छत्तीसगढ़
कहते हैं सियासत में न कोई किसी का स्थाई दोस्त होता और न ही स्थाई दुश्मन। सियासी जरूरत और सत्ता का समीकरण नेताओं और पार्टियों को साथ आने और दूर जानें के लिए कब मजबूर कर दे कह पाना मुश्किल हैं। छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में दबी जुबान से इस बात की जमकर चर्चा हो रही है। हालांकि जोगी ने इस मुलाकात को 'शिष्टाचार भेंट' की उपमा दी है पर आनन-फानन में शाह से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी के कार्यकर्ता अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, इसलिए वो कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में विलय चाहते हैं। ऐसे में जब दो सियासी प्रतिद्वंदी एक साथ नजर आते है तो जाहिर है की कयास भी लगते है और अटकलों का बाजार गर्म होने लगता हैं। फ़िलहाल जो कयास लग रहे हैं वह छत्तीसगढ़ प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को लेकर हैं। फ़िलहाल जो कयास लग रहे हैं वह छत्तीसगढ़ प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को लेकर हैं। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता बेहद नाराज चल रहे हैं। ऐसे दौर में जोगी का शाह से मुलाकात करने पर विलय को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि अमित जोगी ने इस संबंध को कोई अधिकृत बयान नहीं दिया है। बता दें कि बीते दिनों अमित जोगी ने अपनी मां डा. रेणु जोगी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ भी मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों ने सीएम साय को अजीत जोगी जी की आत्मकथा सपनों का सौदागर भेंट भी की थी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले JCC सुप्रीमो अमित जोगी, BJP में हो सकता है जेसीसीजे का विलय अटकलें हुईं तेज...!
Tuesday, January 9, 2024
Edit
कहते हैं सियासत में न कोई किसी का स्थाई दोस्त होता और न ही स्थाई दुश्मन। सियासी जरूरत और सत्ता का समीकरण नेताओं और पार्टियों को साथ आने और दूर जानें के लिए कब मजबूर कर दे कह पाना मुश्किल हैं। छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारे में दबी जुबान से इस बात की जमकर चर्चा हो रही है। हालांकि जोगी ने इस मुलाकात को 'शिष्टाचार भेंट' की उपमा दी है पर आनन-फानन में शाह से मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी के कार्यकर्ता अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं, इसलिए वो कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में विलय चाहते हैं। ऐसे में जब दो सियासी प्रतिद्वंदी एक साथ नजर आते है तो जाहिर है की कयास भी लगते है और अटकलों का बाजार गर्म होने लगता हैं। फ़िलहाल जो कयास लग रहे हैं वह छत्तीसगढ़ प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को लेकर हैं। फ़िलहाल जो कयास लग रहे हैं वह छत्तीसगढ़ प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और देश की सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को लेकर हैं। विधानसभा चुनाव में भी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ता बेहद नाराज चल रहे हैं। ऐसे दौर में जोगी का शाह से मुलाकात करने पर विलय को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि अमित जोगी ने इस संबंध को कोई अधिकृत बयान नहीं दिया है। बता दें कि बीते दिनों अमित जोगी ने अपनी मां डा. रेणु जोगी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ भी मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों ने सीएम साय को अजीत जोगी जी की आत्मकथा सपनों का सौदागर भेंट भी की थी।
Previous article
Next article