चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के अजब-गजब दावे
छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता अभी से चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं और अपने-अपने बूथ को मजबूत करने के लिए लगातार कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं. एक ओर सत्तापक्ष जनता को अपनी 5 साल की उपलब्धि बता रहा है. वहीं दूसरी और विपक्ष सत्तापक्ष की विफलता को गिनाने के लिए डोर टू डोर पहुंच रहा है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अजीबोगरीब दावे किए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले नेता कुर्सी को लेकर जुआ लगाने लगे हैं। किसी ने दांव में अपने बाल लगा दिए हैं तो किसी ने मूंछ कटवाने की बात कही है। चुनाव हारने पर एक मंत्री ने दूसरे मंत्री का नाक कान तक काट देने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी के आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने प्रण लिया है कि जब तक कांग्रेस की सरकार नहीं हटेगी तब तक बाल नहीं कटवाएंगे। इसके जवाब में कांग्रेस के अमरजीत भगत ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार जीतकर वापस नहीं आती है तो वह मूछ मुड़वा लेंगे। बता दे की पिछले दिनों पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने सरकार बनने का दावा किया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सरकार नहीं हटती तब तक नंदकुमार साय बाल नहीं कटवाएंगे। इसपर नंदकुमार साय ने सिर हिलाते हुए सहमति जताई।
छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले सीटों और प्रत्याशियों को लेकर किए जा रहे पार्टियों के अंदरूनी सर्वे बाहर आने लगे हैं। इसी के हवाले से राजनीतिक दलों के जिम्मेदार बयानबाजी भी कर रहे हैं। कांग्रेस-भाजपा दोनों ही पार्टियों ने जीतने वाले उम्मीदवारों पर ही दांव लगाने निर्णय लिया है। दोनों पार्टियों के ऐसे उम्मीदवारों की टिकट पर खतरा मंडरा रहा है, जो वर्तमान में विधायक हैं परंतु उनका प्रदर्शन खराब है।
अमरजीत भगत ने अगले चुनाव के लिए मूछों को दांव पर लगाया है कि यदि सरकार नहीं आई तो मूंछ मुंडवा देंगे। इस सवाल के जवाब में हमारी सरकार ने काम किया है। युवा, महिलाएं, आदिवासी सभी के लिए। हमें उम्मीद है कि इसका परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में मिलेगा।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 75 से अधिक सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए सभी तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं। यह बात भी सामने आ रही है कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले लगभग 35 प्रतिशत विधायकों की टिकट खतरे में है। कांग्रेस ने जिन विधायकों के प्रदर्शन के बारे में बात की है, उनमें से ज्यादातर नए विधायक हैं। कुछ क्षेत्रों में पुराने नेता और विधायक भी शामिल हैं।
इसी महीने प्रदेश दौरे के दौरान प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने साफ कर दिया कि भाजपा में लगभग 40 प्रतिशत चेहरे बदले जा सकते हैं। यानी आने वाले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 60 प्रतिशत विधायकों को ही टिकट मिलेगा, बाकी सभी नए चेहरे होंगे।
इधर, कांग्रेस ने भी बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीटों पर दोबारा जीत दर्ज करने का दावा किया है. बस्तर के नेता और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा " बीजेपी शासनकाल में बस्तर का जो विकास 15 साल में नहीं हो पाया, कांग्रेस सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में उसे करके दिखाया है. साल 2018 के चुनाव में बस्तर की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी.
प्रदेश प्रवक्ता और छत्तीसगढ़ के पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा " कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है. पिछले चुनाव में बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने एक तरफा बढ़त बना ली, लेकिन जनता को इन 5 सालों में केवल लोक लुभावने वादे ही किए, अब जनता समझ चुकी है कि कांग्रेस केवल अपने हितों को पूरा करने के लिए सत्ता में राज कर रही है. उसका जनता से कोई वास्ता नहीं है. ऐसे में इस बार के चुनाव में बीजेपी मजबूती के साथ पूरे 12 विधानसभा सीटों पर ताकत झोंकेगी और सभी पर जीत हासिल करने के साथ प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगी."
हालांकि इस साल के चुनाव में भी बस्तर की 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस जीत के लिए पूरी तरह से निश्चिंत दिख रही है. वहीं बीजेपी भी इस चुनाव में इन सभी 12 सीटों पर हमारा का नारा लगाकर कांग्रेस के इस किले को ढहाने का दावा कर रही है.