छत्तीसगढ़ में मौसम ने बदली करवट, कई जिलों में झमाझम बारिश, ओले भी गिरे
मौसम ने छत्तीसगढ़ में एक बार फिर करवट बदली है। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। जमकर ठंड़ी हवाएं चल रही हैं। रायपुर में दोपहर 12 बजे से हल्की बूंदाबांदी हो रही हैं। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है. शनिवार को राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में गरज चमक के साथ झमाझम बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने प्रदेश के 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दी है. राजधानी रायपुर में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. वहीं प्रदेश के 8 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश और ओले गिरने से गेहूं के फसल को खासा नुकसान हुआ है.
अंबिकापुर में चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा एवं बलरामपुर जिलों में शनिवार को कुछ स्थानों में गरज-चमक के साथ बारिश हुई और ओले भी गिरे। बारिश के साथ ओलावृष्टि के कारण फसलों का खासा नुकसान हुआ है। उत्तरी छत्तीसग के सरगुजा, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिलों में आज लगभग पूरे दिन बादल छाए रहे।
22 मार्च तक राज्य के महासमुंद सहित सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, पेंड्रारोड, कोरबा, कबीरधाम, दुर्ग, रायपुर, बालोद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव जिले में गरज चमक के साथ अंधड़ चलने, ओलावृष्टि होने और वज्रपात की संभावना मौसम विभाग ने जताई है. कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के भी आसार है. गरज चमक के साथ तेज आंधी और ओलावृष्टि की संभावना है. बस्तर के सुकमा में पिछले 24 घंटे में 50-50 मिलीमीटर बारिश हुई है। बीजापुर में 30 और भोपालपट्टनम में 20 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बिलासपुर, पेंड्रा रोड और जगदलपुर में भी हल्की बारिश हुई।
बदले मौसम का असर महुआ संग्रह को पर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है। बारिश एवं तूफान की वजह से महुआ की फसल को खासा नुकसान हुआ है। बता दें कि, फसल संग्रह कर आदिवासी अपने साल भर के नमक तेल के साथ जरूरी खर्च के लिए पैसा जुटा लेते हैं। जिससे हुआ नुकसान आदिवासी वर्ग के लिए बड़ा नुकसान है। वहीं, सब्जी उत्पादकों के लिए भी यह मौसम नुकसान भरा रहा है।
हालांकि ओले नहीं गिरने से सब्जियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, लगातार चले तूफान ने टमाटर एवं सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। वहीं, मिट्टी का कच्चा काम करने वाले कुम्हार भी बारिश एवं तूफान से परेशान हैं। बेमौसम हुई बरसात में ईट एवं खबर बनाने वाले कुम्हारों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कुम्हारों का कहना है कि अब तक भट्ठे में लगकर ईंट पका नहीं था जो खराब हो गया है।