बारिश से किसानों के माथे पर पड़ी चिंता की लकींरे..
आंधी व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की आशंका
चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात का असर अगले दो दिनों तक रहेगा और अंधड़ के साथ बारिश हो सकती है व ओले भी पड़ सकते हैं। मौसम में बदलाव के कारण लोग ठंड तो महसूस कर ही रहे हैं ग्रामीण इलाकों में महुआ पर भी इसका खासा असर पड़ा है।
चक्रवात के कारण मौसम का मिजाज बदलने से जहां अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है, वहीं, आंधी व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की आशंका है। पिछले दो दिनों से बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान 32 डिग्री से गिरकर 26 डिग्री पहुंच गया है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी गिरकर 14 डिग्री पहुंच गया है। मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट ने बताया कि अगले दो दिनों तक बादल छाए रहेंगे व बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। ओलावृष्टि एवं आंधी से किसानों की चिंता बढ़ सकती है। इससे सब्जी की फसलों, गेंहू एवं आम को खासा नुकसान हो सकता है। आम के बौर पानी नहीं गिरने के कारण सूख रहे थे। वहीं अब बौर में जो फल लगे हैं, उनपर आंधी एवं ओलावृष्टि का खतरा मंडरा रहा है। इस बार ग्रामीणों को उम्मीद थी कि महुआ की बेहतर पैदावार होगी लेकिन मौसम के कारण उसमें नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
सुबह से ही जिले में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी देखने को मिला है। अभी भी मौसम साफ नहीं है, घने बादल छाए हुए हैं। मौसम को देखते हुए किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं। किसानों को अपनी फसलों को बर्बाद होने का डर सता रहा है, वहीं मौसम विभाग के द्वारा भी चेतावनी दी गई है कि ऐसे मौसम में चना और गेहूं की फसल खराब हो सकती है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में चक्रवात का असर- गौरतलब है कि इस चक्रवात का मुख्य प्रभाव तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में होगा. इसके चलते इसके पड़ोसी राज्यों में भी आंशिक प्रभाव होगा. आंध्रप्रदेश से छत्तीसगढ़ लगा हुआ है. बस्तर संभाग आंध्रप्रदेश से लगा हुआ है इस लिए चक्रवात का असर यहां भी दिखने की संभावना है. हालाकि मौसम विभाग ने केवल बारिश की ही चेतावनी दी है. लेकिन अगले 4 दिन तक इस चक्रवात के कारण कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है.