आजादी के बाद नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 14 गांवों में पहली बार लहराएगा तिरंगा, ग्रामीणों में दिख रहा उत्साह
इस बार 15 अगस्त बस्तर के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक दिन है. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग स्थित 14 दूरदराज के आदिवासी गांवों में इस बार स्वतंत्रता दिवस खास होने वाला है। यह उन लोगों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। स्वतंत्रता दिवस पर पहली बार तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। इन सुदूर गांवों में आया यह बदलाव प्रेरणादायक व उत्साहवर्धक है. जिन क्षेत्रों में कभी भय और दहशत हुआ करती थी, वहां आज उत्साह के साथ राष्ट्रीय उत्सव की तैयारी की जा रही है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के 14 गांव ऐसे हैं जहां शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन गांवों के करीब सुरक्षाबलों के नए शिविरों की स्थापना से वहां पहली बार राष्ट्रीय त्योहार मनाना आसान हो गया है और संबंधित क्षेत्रों के विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया, ''बीजापुर जिले के गुंजेपर्ती, पुजारीकांकेर, भीमाराम, कोरचोली और कोटपल्ली गांव, नारायणपुर जिले के कुतुल, बेड़माकोटी, पदमकोट, कांदुलनार, नेलांगुर, पांगुर और रायनार तथा सुकमा जिले के उसकावाया और नुलकातोंग में शुक्रवार को तिरंगा फहराया जाएगा. यहां आजादी के बाद से स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया गया था.'' आईजी ने कहा कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में ग्रामीणों के बीच खुशी और उत्साह देखना संतोषजनक है। इस बार उनमें स्वतंत्रता दिवस मनाने की खुशी है। सुरक्षाबलों के लिए यह ऐतिहासिक क्षण है। हमने स्थानीय लोगों को सुरक्षा दी और आत्मविश्वास पैदा किया है। अब वह राष्ट्रीय पर्वों में गर्व से भाग ले सकते हैं।
नक्सली पीछे हटे
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि इसके अलावा, इन तीन जिलों के उन 15 गांवों में भी पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, जहां इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान पहली बार तिरंगा फहराया गया था. दरराज ने कहा कि इन गांवों के पास नए शिविरों की स्थापना से नक्सली पीछे हट गए हैं, इसके परिणामस्वरूप नक्सलियों द्वारा (स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर) काले झंडे फहराने की घटनाएं लगभग शून्य हो गई हैं. उन्होंने कहा कि इन जगहों पर अब देशभक्ति की भावना के साथ राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा. उन्होंने कहा, ''इस बार 15 अगस्त बस्तर के लिए सचमुच एक ऐतिहासिक दिन है. इन सुदूर गांवों में आया यह बदलाव प्रेरणादायक व उत्साहवर्धक है. जिन क्षेत्रों में कभी भय और दहशत हुआ करती थी, वहां आज उत्साह के साथ राष्ट्रीय उत्सव की तैयारी की जा रही है.''
उन्होंने कहा कि यह बदलाव हमारे सुरक्षाबलों के अथक व निरंतर प्रयासों तथा पिछले कुछ महीनों में आंतरिक क्षेत्रों में नए शिविरों की स्थापना से संभव हुआ है. सुंदरराज ने कहा कि इन शिविरों ने सुरक्षा, आशा और अपनेपन की एक नयी भावना पैदा की है, जिससे डर की जगह आत्मविश्वास आया है.
वहीं राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए राजधानी रायपुर समेत सभी जिलों में तैयारियां पूरी कर ली है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सुबह रायपुर के पुलिस परेड मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. वहीं राज्य के अन्य मंत्री और विधायक विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेंगे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखते हुए राज्य में तथा विशेष रूप से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.