आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओ का अनोखा प्रदर्शन - CGKIRAN

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ और सहायिकाओ का अनोखा प्रदर्शन

 


वेतन विसंगति दूर करने सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने हल्ला बोल हड़ताल लगातार 29 वें दिन भी जारी रहा। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का पोषण आहार वितरण व पढ़ाई ठप हो गया है। पोषण पुनर्वास केंद्रों में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है। छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी सहायिका कार्यकर्ता के संघ के तत्वावधान में महिलाएं 23 जनवरी से प्रदर्शन कर रही हैं। 27 जनवरी तक रायपुर में प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने मांगें पूरी नहीं की। ऐसे में महिलाओं जिला स्तर पर अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका संघ के जिला अध्यक्ष वीणा साहू ने बताया कि जिले भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उन्हे समर्थन मिल रहा हैं। आंगनबाड़ी बंद होने से बच्चों को गर्म भोजन व रेडी टू ईट का वितरण नहीं हो रहा है।

 राजनांदगांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका द्वारा अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जा रहा है। राजनांदगांव कलेक्ट्रेट के सामने फ्लाईओवर के नीचे अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका में बैठी हुई हैं। वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं द्वारा अनोखा प्रदर्शन करते हुए आज शहर के विभिन्न मार्गो से होकर दांडी यात्रा निकाली गई और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की गई।

हल्ला बोल रैली में नव दुर्गा का रूप लेकर सड़क पर प्रदर्शन

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अपनी 6 सूत्रीय विभिन्न मांगों को लेकर बीते 33 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इसी को लेकर शुक्रवार को जिले में हल्ला बोल रैली में नव दुर्गा का रूप लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया गया। इसदौरान कहा गया कि 2018 विधानसभा चुनाव के पूर्व छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने वादा किया था कि आंगन महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को सम्मान पूर्वक वेतन दिया जाएगा साथ ही इन्हीं महिला एवं बाल विकास में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को सुपरवाइजर एवं महिला बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया जाएगा एवं सेवानिवृत्ति के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 लाख एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 3 लाख रुपए जीवन निर्वाह भत्ता एक मुफ्त दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल का 4 वर्ष पूरा कर चुकी है परंतु आज तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ये हैं प्रमुख मांगें

  • आंगनबाड़ी ने केंद्र सरकार से मांग की है उन्हें शाासकीय सरकार कर्मचारी घाेषित किया जाए। व सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाए। करते हैं भारतीय श्रम सम्मेलन के 45 वें सत्र का अनुमोदन को लागू कर आंगनबाड़ी कर्मियों सहित योजना कर्मियों को श्रमिक के रूप में मान्यता दी जाए। 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतन दिया जाए। इसे उपभोक्ता मूल्य से जोड़ा जाए, कम से कम 3 हजार रुपए मासिक पेंशन तो दी जाए।
  • केंद्र सरकार द्वारा संचालित आईसीडीएस, एनएचएम, एमडीएमएस, एसएसए, एनसीएलपी, नेशनल सहित योजनाओं के लिए वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में पारित राशि आवंटन की जाए ताकि इन में कार्यरत योजना कर्मियों का वेतन न्यूनतम वेतन से स्तर तक किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालय की मान्यता देते हुए इनमें कार्यकर्ता एवं मिनी कार्यकर्ता को पूर्व प्राथमिक शिक्षिका प्री प्राइमरी टीचर और सहायिका को पूर्व प्राथमिक सह शिक्षिका का पदनाम दिया जाए।
  • आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए भी भविष्य निधि पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधा यथाशीघ्र लागू किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह अर्जित अवकाश, आक्समिक, चिकित्सा अवकाश मेडीकल और विभिन्न त्योहारों पर मिलने अवकाशों का लाभ दिया जाए।

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