सप्ताह में 4 दिन काम और 3 दिन आराम, विधानसभा में सरकार का विधेयक पारित, हफ्ते में 3 दिन छुट्टी के लिए करना होगा इंतजार
ब्रिटेन में सप्ताह में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी को लेकर कई कंपनियों ने ट्रायल शुरू कर दिया है। इसकी रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित की गई, इस ट्रायल को बेहद सफल बताया जा रहा है। ब्रिटेन में कर्मचारियों को यह पॉलिसी खूब पसंद आ रही है। इसी नियम के तर्ज पर कर्नाटक सरकार ने भी इसे लागू किये जाने का मन बनाया हैं।
विधानसभा में सप्ताह में चार दिन काम और तीन दिन आराम से जुड़ा एक विधेयक पारित हो गया हैं। कर्नाटक सरकार की तरफ से यह बिला पेश किया गया था। इस सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया हैं। हालांकि कर्मचारियों को इस नियम में 12 घंटे काम करना होगा।
इसी तरह कर्नाटक सरकार ने विधानसभा में महिलाओं को कारखानों में नाइट शिफ्ट काम करने की अनुमति देने के लिए कारखाना अधिनियम में भी महत्त्वपूर्ण संसोधन किया हैं।
श्रम कानून के नए नियम में एक वेज कोड है जिसमें प्रावधान है कि कोई भी कंपनी एक हफ्ते में अपने कर्मचारियों से 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं करा सकते. श्रम कानून से जुड़े नए नियम 1 अप्रैल से लागू हो सकते हैं. सरकार नए श्रम कानूनों (labor laws) के तहत बड़े बदलाव कर रही है. केंद्र सरकार के स्तर पर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और राज्य सरकारें इस पर काम कर रही हैं. इसमें राज्य सरकारों का बड़ा रोल है, खास जो बड़े प्रदेश हैं. इन प्रदेशों में यूपी, मध्य प्रदेश या राजस्थान बहुत जल्द अपने नियम आने वाले हैं जिसके बाद परामर्श की प्रक्रिया शुरू होगी. इस बारे में केंद्र सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
हफ्ते में 48 घंटे काम
अगर कंपनी और कर्मचारी मिलकर तय कर लें कि 5 या 6 दिन का काम 4 दिन में ही कर लेंगे तो दोनों पक्ष इसके लिए एक रास्ता निकाल सकते हैं. इसमें सरकार की तरफ से कोई बाध्यता नहीं होगी. श्रम कानून जैसे कायदे संसद में पास होते हैं जिसे सभी राज्यों की सहमति के आधार पर तैयार होते हैं. एक बार संसद से पास हो जाए और राष्ट्रपति की अनुमति मिल जाए तो पूरे देश में यह एक साथ लागू हो जाता है. राज्यों को इन कायदों को मानना होगा और अगर उन्हें इन नियमों पर कुछ असहमति होती है तो अपनी विधानसभा में उसके खिलाफ विधेयक पारित करना होता है. फिर संशोधन का विधेयक केंद्र के पास आता है जिस पर अंतिम फैसला केंद्र को लेना होता है. राज्यों की जहां तक बात है तो अभी तक किसी राज्य ने श्रम कानून के नए नियमों पर ऐतराज नहीं जताया है. लगभग सभी राज्य इस पर सहमत हैं और नए नियम लागू करने के लिए वे तैयार हैं.
केंद्र सरकार देश में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए करियर सर्विस पोर्टल चला रही है जो पूरी तरह डिजिटल है. इस पोर्टल पर लगभग 1 करोड़ आवेदन हैं जिसके जरिये लोगों ने नौकरी मांगी है. इसी के साथ लगभग डेढ़ लाख कंपनियां हैं जिन्होंने रोजगार देने का वादा किया है. ये कंपनियां भी पोर्टल के माध्यम से जुड़ी हैं. केंद्र ने राज्यों में मॉडल करियर सर्विस सेंटर बनाए हैं जिसके जरिये रोजगार दिए जा रहे हैं.
आज की तारीख में कई संस्थान हैं जो हफ्ते में 5 दिन काम कराते हैं, सरकार भी हफ्ते में 5 दिन काम करती है. इसमें भी कुछ संस्थान हैं जो चाहते हैं कि हफ्ते में 4 दिन ही काम कराया जाए. सरकार इस पर भी विचार कर रही है. इसमें कंपनी और कर्मचारी को देखना होगा कि कितने दिन काम करा सकते हैं. 4 दिन या 5 दिन के विकल्प पर उन्हें ही विचार करना होगा.
तीन दिन वीकली ऑफ
नए वेज कोड के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को सप्ताह में चार दिन काम और तीन अवकाश मिलने हैं. हलांकि, इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों को दफ्तर में अधिक काम करना पड़ेगा. सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी के साथ आपको हर दिन दफ्तर में 12 घंटे काम करने पड़ेंगे. मतलब ये कि किसी भी हाल में आपके काम की अवधि नहीं कम होगी.