रामलला के दरबार में अब तकनीक का पहरा, AI सिस्टम से होगी हर भक्त की निगरानी
अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर अब पूरी तरह तैयार हो चुका है. 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां प्राण प्रतिष्ठा की थी, वहीं अब 25 नवंबर 2025 को वे एक बार फिर राम मंदिर के ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस आयोजन को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है. बीते पांच दिनों में 7 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं. अब सवाल उठता है कि इतनी सटीक गिनती आखिर कैसे होती है. दरअसल, इसके लिए मंदिर परिसर में AI आधारित हाईटेक कैमरा सिस्टम लगाया गया है, जो हर आने-जाने वाले श्रद्धालु की गणना स्वचालित रूप से करता है. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख मंदिरों जैसे अयोध्या के राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) और गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर) में AI सर्विलांस सिस्टम स्थापित किया जा रहा है. अयोध्या में यह सिस्टम अब सक्रिय है और श्रद्धालु गणना से लेकर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा निगरानी तक अहम भूमिका निभा रहा है.
एसपी सुरक्षा बल रामाचारी दुबे ने बताया कि AI सर्विलांस सिस्टम 24 घंटे सक्रिय रहता है और इसके संचालन के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर तैनात किए गए हैं. यह सिस्टम न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बताता है, बल्कि फुटफॉल काउंटिंग, भीड़ का व्यवहार विश्लेषण, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और इमरजेंसी अलर्ट जैसी सुविधाएं भी प्रदान करता है.रामाचारी दुबे ने बताया कि राम मंदिर परिसर और आसपास करीब 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें कई कैमरे AI तकनीक से लैस हैं, जो हर श्रद्धालु पर नजर रखते हैं और किसी भी संदिग्ध हरकत का तुरंत अलर्ट जारी कर देते हैं. अगर कोई इंसान बार-बार मंदिर परिसर में नजर आता है या रेकी करने की कोशिश करता है तो उसकी पहचान करना भी AI कैमरे से संभव है.
