पहले चरण की वोटिंग में बिहार ने रचा इतिहास-64.6 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान, मतदाताओं ने बदला राजनीति का मिज़ाज
बिहार की राजनीति में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ. विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान में राज्य ने पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में 64.66 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 2020 के पहले चरण के 56.1 प्रतिशत से लगभग नौ फ़ीसदी अधिक है. यह मतदान न केवल पिछले चुनावों के मुकाबले उल्लेखनीय वृद्धि है, बल्कि राज्य में पिछले 25 वर्षों का सबसे ऊँचा मतदान प्रतिशत भी है. राजनीतिक हलकों में अब यह चर्चा तेज है कि यह रिकॉर्ड मतदान किसके पक्ष में जाएगा. हालांकि हर दल अपने-अपने तरीके से इसे जीत का संकेत बता रहा है, मगर असली तस्वीर 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही साफ होगी. फिर भी इतना तय है कि 6 नवंबर 2025 का यह दिन बिहार की चुनावी राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ बनकर दर्ज हो गया है—जहाँ जनता ने अपने उत्साह और भागीदारी से यह संदेश दिया कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता के हाथों में ही है. पहले चरण की सफलता के बाद अब सबकी निगाहें दूसरे चरण पर हैं, जो 11 नवंबर को होना है. मतगणना 14 नवंबर को होगी तब पता चलेगा किसका पलड़ा भरी है.
चुनाव आयोग ने देर शाम जारी बयान में बताया कि वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में बिहार ने 62.57 प्रतिशत मतदान दर्ज किया था, जो अब पीछे छूट गया है. गुरुवार को हुए मतदान ने इस आंकड़े को पार कर दिया, जिससे यह साफ संकेत मिला कि जनता इस बार कुछ नया तय कर चुकी है. आयोग ने बताया कि पहले चरण में 71 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, हालांकि कुछ इलाकों से ईवीएम खराब होने और बूथ पर झड़प की मामूली घटनाएं भी सामने आईं. बिहार के सियासी गलियारों में इस रिकॉर्ड मतदान ने हलचल मचा दी है. उधर, महागठबंधन के नेताओं ने इस मतदान को सरकार के खिलाफ जन असंतोष का संकेत बताया. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर लोगों का घर से निकलना यह दिखाता है कि जनता बदलाव चाहती है. गरीब, किसान और नौजवान ने इस बार निर्णायक मतदान किया है.” कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी दावा किया कि महागठबंधन की लहर पूरे राज्य में चल रही है और पहला चरण इसका प्रमाण है.
ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक, मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें इस बात की गवाही दे रही थीं कि मतदाता इस बार उदासीन नहीं हैं. बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, और भागलपुर जैसे जिलों में सुबह से ही वोटिंग का उत्साह देखा गया. महिलाओं और युवा मतदाताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही. चुनाव आयोग के मुताबिक, महिला मतदाताओं का प्रतिशत इस बार पुरुषों से अधिक दर्ज किया गया, जो 66.12 प्रतिशत तक पहुँचा. विशेषज्ञों का मानना है कि महिला मतदाताओं की यह बढ़ती सक्रियता चुनावी नतीजों को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है.
पहले चरण में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच ही देखा गया. एनडीए में जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय जनता पार्टी और हम (सेक्युलर) मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामदलों की साझेदारी है. इसके अलावा, जन सुराज पार्टी और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है.
मतदान के बाद चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि यह रिकॉर्ड वोटिंग सत्ता विरोधी लहर का संकेत भी हो सकती है, लेकिन बिहार की जटिल सामाजिक संरचना को देखते हुए किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी. राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर अरुण पाठक ने कहा, “इतिहास गवाह है कि बिहार में उच्च मतदान हमेशा सत्ता परिवर्तन का संकेत नहीं रहा है. लेकिन इस बार जोश और जागरूकता का जो माहौल दिखा, वह निश्चित रूप से एक नए राजनीतिक अध्याय की ओर इशारा करता है.”
सभी मतदाताओं के प्रति हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं - भारत निर्वाचन आयोग
बिहार में पहले चरण का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है। आयोग ने कहा है - बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रथम चरण में आपकी उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए धन्यवाद। चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके लिखा - बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भाग लेने वाले सभी मतदाताओं के प्रति हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। आपकी प्रतिबद्धता सचमुच प्रेरणादायक है। मतदान अधिकारियों, सुरक्षाकर्मियों, स्वयंसेवकों और हमारी सभी टीमों का विशेष धन्यवाद, जिनके प्रयासों से एक सुचारू, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित हुई। हार्दिक आभार, भारत निर्वाचन आयोग।
