छत्तीसगढ़
मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब एप आधारित सर्वे के माध्यम से हर खसरा में कौन सी फसल लगाई गई है और कितने रकबे में बोई गई है, इसका ऑन-स्पॉट सत्यापन किया जा रहा है. इसके लिए गांव के तकनीकी जानकार युवाओं की मदद ली जा रही है. युवाओं को प्रत्येक खसरा के सर्वे के लिए 10 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे उन्हें आय का एक नया स्रोत मिलेगा. इस सर्वे से सरकार को ऑथेंटिक डाटा मिलेगा और यह धान खरीदी के समय किसी भी प्रकार की दिक्कत को दूर करने में मददगार होगा.
डिजिटल क्रॉप सर्वे से फसल का ऑन स्पॉट सत्यापन
Saturday, September 6, 2025
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मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर ने डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब एप आधारित सर्वे के माध्यम से हर खसरा में कौन सी फसल लगाई गई है और कितने रकबे में बोई गई है, इसका ऑन-स्पॉट सत्यापन किया जा रहा है. इसके लिए गांव के तकनीकी जानकार युवाओं की मदद ली जा रही है. युवाओं को प्रत्येक खसरा के सर्वे के लिए 10 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे उन्हें आय का एक नया स्रोत मिलेगा. इस सर्वे से सरकार को ऑथेंटिक डाटा मिलेगा और यह धान खरीदी के समय किसी भी प्रकार की दिक्कत को दूर करने में मददगार होगा.
डिजिटल क्रॉप सर्वे क्या है: छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादन का अब डिजिटल सर्वे किया जा रहा है. सर्वे में किसानों की फसलों की सभी जानकारियां एग्री स्टैक पोर्टल में दर्ज की जा रही है. जिससे किसानों को फसल उत्पादकता के लिए जरूरी इनपुट जैसे फसल ऋण, विशेषज्ञों की सलाह से लेकर बाजार उपलब्ध कराने में एग्री स्टैक पोर्टल से मदद मिल रही है. एग्री स्टैक पोर्टल में किसानों का पंजीयन होने के बाद उन्हें एक फार्मर आईडी दी जाती है. जिसके जरिए किसान अपने खेत में लगाई गई फसल के लिए जरूरी खाद और पानी की मात्रा की भी जानकारी ले सकता है. इसके लिए किसानों को अपनी फसल के लिए जरूरी बाजार भी उपलब्ध होगा.
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