छत्तीसगढ़ हॉफ बिजली बिल से अब मुफ्त बिजली की ओर… - CGKIRAN

छत्तीसगढ़ हॉफ बिजली बिल से अब मुफ्त बिजली की ओर…


 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है. छत्तीसगढ़ में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना उपभोक्ताओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है.यह योजना न सिर्फ उपभोक्ताओं को बिजली बिल से राहत दे रही है, बल्कि उन्हें ऊर्जा दाता भी बना रही है. कई परिवार अब अपने घर की बिजली जरूरत पूरी करने के बाद अतिरिक्त बिजली बेचकर आय भी अर्जित कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब केवल ऊर्जा उत्पादक ही नहीं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं. पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी पहल से प्रदेश स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य की प्राप्ति के संकल्प को तीव्र गति से पूर्ण करने की ओर अग्रसर है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए यह बात कही. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि लगातार बढ़ते प्रदूषण और जलवायु संकट को देखते हुए सौर ऊर्जा ही भविष्य का रास्ता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश 2070 तक कार्बन नेट जीरो का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है. इसी दिशा में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना छत्तीसगढ़ के हर घर तक पहुंचाई जा रही है.

प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए हॉफ बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर ले जाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने इसे हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझते हुए स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आमजन से आग्रह किया कि वे अपने आसपास के लोगों को भी इस योजना से जोड़ें और स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रदेश को अग्रसर बनाने में योगदान दें.

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं. साथ ही बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सुविधा भी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उपभोक्ताओं को पूर्ण रूप से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत आज लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड प्रदान किए गए हैं. इन योजनाओं से उपभोक्ता स्वयं सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली का विक्रय कर रहे हैं और साथ ही सस्ती बिजली का लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं.

बिजली बेचकर उपभोक्ता कर सकता है आय

सीएम ने कहा कि इस योजना में उपभोक्ताओं को 75 फीसदी तक सब्सिडी उपलब्ध है. भारत सरकार ने तीन किलोवाट तक 78 हजार रुपए की सब्सिडी दी है.राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त 30 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है. 2 लाख रुपये तक का बैंक लोन 6% ब्याज दर पर उपलब्ध है. कुछ वर्षों के भीतर उपभोक्ताओं को बिजली पर कोई खर्च नहीं करना होगा और वे पूरी तरह मुफ्त बिजली का लाभ उठा पाएंगे. यह योजना सिर्फ बचत का माध्यम नहीं है, बल्कि इससे उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली बेचकर आय अर्जित करने का अवसर भी पा रहे हैं।

ग्रीन एनर्जी में छत्तीसगढ़ की बड़ी छलांग 

 मुख्यमंत्री ने बताया कि जब वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना था, तब बिजली उत्पादन मात्र 1400 मेगावाट था.आज छत्तीसगढ़ की क्षमता 30 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है.आने वाले समय में 3.5 लाख करोड़ रुपये के एमओयू से ऊर्जा क्षेत्र में निवेश होगा. इसके बाद छत्तीसगढ़ पूरे देश में ऊर्जा उत्पादन में नंबर वन बनने की ओर अग्रसर होगा.उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 तक देश के 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई गई, जहां आजादी के 70 वर्षों तक बिजली नहीं पहुंच पाई थी.अब वही सोच देश को ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ा रही है.

सूर्य रथ से होगा जन-जागरूकता अभियान

 इस समारोह में मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले के लिए सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.यह रथ गांव-गांव जाकर लोगों को सौर ऊर्जा और पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लाभ बताएंगे. साथ ही इच्छुक उपभोक्ताओं के आवेदन भी मौके पर लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रथ चलित जागरूकता केंद्र की तरह काम करेंगे.

सौभाग्य योजना से हर घर बिजली

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर बिजली पहुंचाने का संकल्प लिया था. उस समय देश के 18 हजार गाँव अंधेरे में थे और आज उन सभी गांवों तक बिजली पहुंच चुकी है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब देश स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, जबकि आज प्रदेश 30,000 मेगावाट का उत्पादन कर रहा है और पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने बताया कि नई उद्योग नीति के अंतर्गत ऊर्जा क्षेत्र में 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू संपादित हुए हैं और आने वाले समय में प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और भी बढ़ जाएगी.

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