कैबिनेट विस्तार के बाद 9 सितंबर को साय मंत्रिमंडल की पहली बैठक, सभी 14 मंत्री होंगे शामिल
छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासन के लिए 9 सितंबर की दोपहर बेहद अहम रहने वाली है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय (महानदी भवन) अटल नगर, नवा रायपुर में होने वाली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक कई मायनों में खास होगी. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह पहली कैबिनेट है, जिसमें नए मंत्रियों की मौजूदगी के साथ-साथ धान खरीदी नीति पर बड़ा ऐलान हो सकता है. इसके साथ ही बाढ़ राहत पैकेज और राज्योत्सव की तैयारियों जैसे बड़े मुद्दों पर सर भी सरकार बड़ा ऐलान कर कर सकती है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार 9 सितंबर 2025 को दोपहर साढ़े तीन बजे यह मीटिंग होगी. इसमें हाल ही में शपथ लेने वाले मंत्री राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव पहली बार इस कैबिनेट बैठक में शामिल होंगे. उनकी मौजूदगी से नीतिगत चर्चाओं में नए दृष्टिकोण और सक्रियता आने की उम्मीद है. पिछली कैबिनेट बैठक 19 अगस्त को हुई थी। तब मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ था और सीमित मंत्रियों की उपस्थिति में केवल चुनिंदा प्रस्तावों पर चर्चा हो सकी थी। अब पूर्ण मंत्रिमंडल के गठन के बाद साय सरकार की यह पहली सामूहिक बैठक होने जा रही है, जिससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि कई अहम फैसलों पर मुहर लग सकती है।
प्रदेश के लाखों किसानों की नजर इस कैबिनेट बैठक पर टिकी है. धान खरीदी नीति को अंतिम मंजूरी मिलने की संभावना है. सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि धान खरीदी प्रक्रिया समय पर, पारदर्शी और किसान हित में लागू हो. न्यूनतम समर्थन मूल्य, खरीदी केंद्रों की संख्या और भुगतान व्यवस्था पर भी चर्चा की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ के बस्तर और अन्य जिलों में आई बाढ़ को लेकर इस मीटिंग में अहम चर्चा हो सकती है. सरकार विशेष राहत पैकेज जारी कर सकती है. आपदा प्रबंधन के तहत अतिरिक्त सुविधाएं देने पर भी विचार हो सकता है.
राज्य में 1 नवंबर से शुरू होने वाले राज्योत्सव की तैयारियों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, लोककला और परंपराओं को भव्य तरीके से प्रस्तुत करने के लिए विस्तृत कार्यक्रम पर मंत्रिपरिषद अपनी राय दे सकती है. राज्योत्सव को लेकर सीएम साय पीएम मोदी को आमंत्रण भी दे चुके हैं. इसलिए इस बार का राज्योत्सव काफी खास हो सकता है. इस कैबिनेट मीटिंग में रोजगार और निवेश बढ़ाने पर भी मंथन हो सकता है. रोजगार सृजन और निवेश बढ़ाने से जुड़े प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है. नए औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने, युवाओं के लिए रोजगार मेले आयोजित करने और कौशल विकास से जुड़े योजनाओं को गति देने पर चर्चा हो सकती है.
