छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए एक बड़ी पहल की
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हाथ मिलाया है। सीआईएल अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत राज्य में 68 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) को सहयोग प्रदान करेगा, जिससे 28,000 से अधिक आदिवासी छात्रों को लाभ होगा।छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चे अब सफलता के और नए कीर्तिमान रचेंगे. समुदाय के बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है. केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए बड़ा समझौता किया है. उनकी सेहत और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए बेहतर सुविधाएं देना. इस तरह सरकार के इस कदम से आने वाले दिनों में इन बच्चों की जिंदगी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.कोल इंडिया लिमिटेड, अपने सीएसआर फंड से 68 एकलव्य मॉडल स्कूलों को 10 करोड़ रुपये देगी. इस पैसे से स्कूलों में डिजिटल सुविधाएं (कंप्यूटर, टैबलेट), स्वास्थ्य सुविधाएं (सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनें) और स्टार्टअप ट्रेंनिंग भी दी जाएगी.
सरकार की ये पहल केवल स्कूली शिक्षा तक ही सीमित नहीं रहेगा. स्टूडेंट्स को आगे की पढ़ाई और करियर से संबंधित सलाह और मदद भी मिलेगी. इसके तहत स्टार्टअप की भी ट्रेनिंग दी जाएगा. यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए आईआईएम, आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों में स्टार्टअप से संबंधित कैंप होंगे.इस पहल से आदिवासी समुदाय के बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य और आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा. ये पहल शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को भी पूरा करेगी. यानी की हर बच्चे को समान अवसर मिलेंगे. ये योजना राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम नाम की सरकारी संस्था चलाएगी इस परियोजना का क्रियान्वयन मंत्रालय के अधीन धारा 8 कंपनी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) के माध्यम से किया जाएगा।