बस्तर की नई उम्मीद- पुनः प्रारंभ होगी बहुप्रतीक्षित बोधघाट सिंचाई परियोजना
तीन जिलों के 269 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
बस्तर अंचल के समग्र विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश सरकार ने बोधघाट सिंचाई परियोजना को पुनः प्रारंभ करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह बहुप्रतीक्षित परियोजना अब विकास की नई धारा प्रवाहित करेगी, जिससे दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिलों के ग्रामीण अंचलों में स्थायी सिंचाई एवं ऊर्जा उत्पादन की मजबूत आधारशिला रखी जाएगी।
करीब 49,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना से 3,78,475 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा सुनिश्चित की जाएगी, जिससे तीनों जिलों के 269 गांव सीधे लाभान्वित होंगे। यह परियोजना बस्तर अंचल के कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा देगी तथा क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत गोदावरी और इंद्रावती नदी के जल संसाधनों का समुचित दोहन करते हुए नहर नेटवर्क, जलाशय और पंप हाउस का निर्माण होगा, जिससे किसानों को रबी और खरीफ दोनों सीजन में जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
ऊर्जा उत्पादन और रोजगार के नए द्वार
बोधघाट परियोजना से सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन की भी सुविधा विकसित की जाएगी। इंद्रावती-महानदी इंटरलिंक परियोजना के अंतर्गत करीब 125 मेगावाट बिजली उत्पादन और 4800 टन मछली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
दंतेवाड़ा के लिए विशेष महत्व
दंतेवाड़ा जिले के 100 से अधिक गांव इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होंगे। यह परियोजना न केवल किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी, बल्कि आदिवासी समुदाय के आर्थिक और सामाजिक उत्थान का भी आधार बनेगी। कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि बस्तर के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने परियोजना के क्रियान्वयन में जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग देने की बात कही।