बस्तर अंचल की परंपराओं और संस्कृति को संजोने वाली प्रसिद्ध गीदम मेला मड़ई का शुभारंभ
बस्तर अंचल की परंपराओं और संस्कृति को संजोने वाली प्रसिद्ध गीदम मेला मड़ई का शुभारंभ शनिवार को परंपरागत उत्साह और भव्यता के साथ हुआ। यह तीन दिवसीय मेला मड़ई नगरवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि मड़ई मेले में झलकी आदिवासी लोक संस्कृति की अनूठी छटा अंचल के दूर-दराज गांवों के लोगों के लिए भी खास महत्व रखता है। भैरम बाबा मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मां दंतेश्वरी के स्तंभ में ध्वजारोहण कर मेले की शुरुआत की गई इस अवसर पर क्षेत्र के करीब 40 गांवों से ग्रामीण अपने आराध्य देवी-देवताओं, पुजारी, सिरहा, गुनिया और गायता के साथ मेले में पहुंचे। मां दंतेश्वरी की डोली नगर में जैसे ही पहुंची, श्रद्धालुओं में उल्लास की लहर दौड़ गई। डोली का नगर में परघाव कराया गया। डोली के दर्शन के लिए नगर की सड़कों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। भैरम बाबा मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद मां दंतेश्वरी के स्तंभ में ध्वजारोहण कर मेले की शुरुआत की गई। स्थानीय जनमान्यता है कि माता की डोली के नगर भ्रमण से नगर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। गीदम मेला मड़ई के साथ ही दक्षिण बस्तर अंचल में मेला मड़ई के समापन की परंपरा पूरी होती है।
मेले के आयोजन की व्यवस्था नगर पंचायत गीदम ने की है, जबकि पुलिस प्रशासन ने कानून व्यवस्था संभाली है। मेले को सुव्यवस्थित और सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है। पेयजल, साफ-सफाई सहित सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। रात्रि में मेले के दौरान पारंपरिक आदिवासी नृत्य, उड़िया नाटक और चलचित्र का मंचन किया जाएगा, जिससे बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत लोगों के सामने जीवंत रूप में प्रस्तुत होगी। इस अवसर पर विधायक चैतराम अटामी, नगर पंचायत अध्यक्ष रजनीश सुराना, भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता, जिला पंचायत पूर्व उपाध्यक्ष मनीष सुराना, पूर्व अध्यक्ष नवीन विश्वकर्मा, सीएमओ हुलसी प्रधान, थाना प्रभारी विजय पटेल, सहित नगर के सभी पार्षदगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे