बिहान योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं बदली तकदीर, बनी महिला सशक्तिकरण की मिशाल
सरगुजा जिले में महिला सशक्तिकरण ने कई महिलाओं की जिंदगी बदल दी है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने पंचायती राज व्यवस्था में चमत्कारिक बदलाव लाए हैं. स्थिति ये है कि आज पंचायती राज व्यवस्था में सर्वाधिक संख्या बिहान की दीदियों की है. सरगुजा जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष खुद एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं. इस बार पंचायती राज व्यवस्था में 3 जिला पंचायत सदस्य, 26 जनपद सदस्य, 65 उप सरपंच और 133 सरपंच बिहान की टीम की सदस्य हैं.
हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हुए थे और इस चुनाव में निर्वाचित 133 महिला सरपंच, 65 उपसरपंच, 26 जनपद सदस्य एवं अध्यक्ष सहित 3 जिला पंचायत सदस्य बिहान की सदस्य हैं. बिहान के तहत आजीविका चलाने घर से निकली महिलाओं का कब जनाधार बन गया. इन्हें भी पता नहीं चला, खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये महिलाएं समाज से इतना अधिक जुड़ गईं की जनता ने इन्हें ही अपना जनप्रतिनिधि चुन लिया.
बिहान की सदस्य से जनपद सदस्य बन चुकी असिता कुजूर बताती हैं कि 2014 में समूह से जुड़ी, समूह के अध्यक्ष के रूप में काम की फिर मैं बैंक सखी बनी जिससे मैं गांव के घर घर जाकर लोगो की मदद करती हूं, लोगों का पैसा घर बैठे निकालकर देती हूं. इसको करते-करते लोगों से संपर्क हुआ और मैं दूसरी बार जनपद सदस्य चुनी गई. अगर बिहान योजना नही होती तो मैं कभी यहां खड़े होकर बोलने लायक नही बनती.
सदस्य से बनीं जिला पंचायत अध्यक्ष
समूह की सदस्य से जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुकी निरूपा सिंह के मुताबिक 2014 में मैं समूह में जुड़ी, मेरे को उस समय बिल्कुल भी जानकारी नही था, लेकिन गांव में मैं 12वीं पास थी तो मुझे समूह का सचिव बनाया दिया गया. शादी के पहले भी मैं चुनाव जीतकर सरपंच थी शादी हुई तो वहां भी मैं समूह से भी जुड़ी और दोबारा सरपंच बनी. इस बार भी मैं सरपंच ही बनना चाहती थी. लेकिन घर वालों ने जिद की और समझाया तो मैं इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई.
बिहान योजना से जुड़कर गांव में बनाया संपर्क
सरगुजा जिले की 439 ग्राम पंचायतों में करीब 1.20 लाख महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जो ग्राम विकास की प्रक्रिया की अहम कड़ी बन चुकी हैं. एनआरएलएम के माध्यम से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने की क्षमता का विकास किया गया. महिलाएं सशक्त बनी और आज नेतृत्व कर रही हैं. इन महिलाओं की सफलता के पीछे बिहान योजना का बड़ा योगदान हैं. क्योंकि इसी योजना से जुड़ने के बाद महिलाओं में इतना साहस आया और वो इतनी दक्ष बन सकी की चुनाव लड़ सकें और नेतृत्व कर सकें.