क्या है सुशासन तिहार...!, इससे कैसे होगा लाभ
छत्तीसगढ़ में सरकार सुशासन तिहार मानाने जा रही है. 8 अप्रैल से इसकी शुरुआत प्रदेश के मुख्यमंत्री करेंगे. लेकिन सुशासन तिहार क्या है और इससे आम लोगों को किस तरह के फायदे होने हैं, ये जानना जरूरी है. दरअसल सुशासन तिहार के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर लोग अपनी शिकायतों का आवेदन कर सकेंगे. बड़ी बता ये है कि उन आवेदनों को लंबित नहीं किया जाएगा, क्योंकि जिला स्तर पर कमेटी आवेदन की छानबीन करेगी और निराकरण भी तय सीमा में करना होगा. लिहाजा ऐसे लोग जो अपनी समस्याओं के लिए दफतरों के चक्कर लगा रहे हो या फिर किसी अन्य कारण से सरकारी काम लटका हो तो वो मंगलवार से आवेदन कर सकेंगे. सभी ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम, जनपद पंचायत व जिला पंचायतो में प्रथम चरण में लोग आवेदन कर सकेंगे, आवेदन के लिए फॉर्मेट बनवाया गया है. प्रिंटिंग सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है. दूसरे चरण में अप्रैल के अंत तक सभी आवेदनों का निराकरण किया जाना है और तीसरे चरण में ग्राम पंचायत स्तर पर शिविरों के माध्यम से पहुंचेंगे और वहां जनता की समस्या का सीधा समाधान किया जाएगा.
सुशासन तिहार चरण बद्ध होगा. कार्यक्रम के प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक ग्राम पंचायतों में आमजनों और ग्रामीणों से उनकी समस्याओं के संबंध में ग्राम पंचायत सचिवालय में आवेदनपत्र प्राप्त किया जाएगा. जिले में कार्यों के सफल संपादन के लिए ग्राम पंचायतों के समूह का क्लस्टर गठित किया गया है. जिसमें जनपद पंचायत अम्बिकापुर में 20 क्लस्टर, जनपद पंचायत लखनपुर में 15 क्लस्टर, जनपद पंचायत उदयपुर में 12 क्लस्टर, जनपद पंचायत लुण्ड्रा में 15 क्लस्टर, जनपद पंचायत बतौली में 8 क्लस्टर, जनपद पंचायत सीतापुर में 8 क्लस्टर और जनपद पंचायत मैनपाट में 9 क्लस्टर गठित किए गए हैं.
सुशासन तिहार के लिए जिला स्तर पर कंट्रोल रूम गठित किया गया है. बायोटेक लैब वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा को जिला स्तर पर कंट्रोल रूम प्रभारी नियुक्त किया गया है. वहीं कंट्रोल रूम में डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित अन्य प्रभारी जनपद स्तर पर भी नियुक्त किये गये हैं. कंट्रोल रूम प्रभारी 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक रोजाना शाम को संबंधित जनपद पंचायतों से संपर्क कर दैनिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे.