हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में मोबाइल कनेक्ट नहीं होना एक नई समस्या - CGKIRAN

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने में मोबाइल कनेक्ट नहीं होना एक नई समस्या

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए वाहन मालिकों को आरटीओ दफ्तर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। दरअसल मोबाइल नंबर कनेक्ट नहीं होने के चलते नई समस्या खड़ी हो गई है..सभी जिला परिवहन कार्यालय में अतिरिक्त काउंटर बनाकर मोबाइल नंबरों को कनेक्ट करने के साथ ही अपडेट किया जा रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अभिसूचना के अनुसार केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत एक अप्रैल 2019 से पुराने वाहनों में HSNP लगाया जाना जरूरी है।  हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लगाने में मोबाइल नंबर कनेक्ट नहीं होने के कारण वाहन मालिकों को आरटीओ दफ्तर तक दौड़ लगानी पड़ रही है। इसे देखते हुए सभी जिला परिवहन कार्यालय में अतिरिक्त काउंटर बनाए गए हैं।

वहां मोबाइल नंबरों को कनेक्ट करने के साथ ही अपडेट किया जा रहा है। परिवहन
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 15 अप्रैल की अंतिम तिथि को देखते हुए वाहन मालिक लगातार एचएसआरपी लगाने के लिए आवेदन दे रहे हैं। अब भी करीब 15 प्रतिशत वाहन मालिकों ने नंबर प्लेट नहीं लगवाई है। प्रदेशभर में करीब 8,2000 वाहनों में एचएसआरपी लगाए जा चुके हैं। वहीं 3,8000 वाहनों का पंजीयन कराया गया है। मगर, अब भी करीब 32 लाख वाहनों में इसे लगाया जाना है। रायपुर में कलेक्ट्रेट, रावांभाठा और पंडरी स्थित सिटी सेंटर परिवहन सेवा केंद्र में मोबाइल नंबर कनेक्ट कराने के लिए दो अलग से काउंटर खोले गए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी अभिसूचना के अनुसार केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत एक अप्रैल 2019 से पुराने वाहनों में HSNP लगाया जाना जरूरी है।

दोपहिया, ट्रैक्टर और ट्रेलर का शुल्क जीएसटी सहित 365.80 रुपये, तीन पहिया के लिए 427.16, हल्की मोटरयान, पैसेंजर कार के लिए 656.08 और 705.64 रुपये निर्धारित किया गया है। सभी भुगतान डिजिटल मोड माध्यम से किए जा रहे हैं। ऑटोमोबाइल डीलरों द्वारा एक अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिह्न प्रत्येक इंस्टालेशन के लिए 100 रुपये अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जाना है। विभाग का दावा है कि वाहन की सुरक्षा बेहतर होती है। चोरी और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आती है। यातायात प्रबंधन बेहतर होने के साथ ही वाहन की पहचान आसान होने और दुर्घटना में मदद मिलती है। यातायात पुलिस द्वारा चालान से बचा जा सकता है और समग्र सड़क सुरक्षा में सुधार होता है।  यह एल्यूमीनियम से बनी होती है। इस पर क्रोमियम आधारित होलोग्राम लगा होता है। इस होलोग्राम में वाहन की पूरी जानकारी होती है। इस प्लेट पर एक यूनिक लेजर कोड होता है और यह नॉन रिमूवेबल स्नैप ऑन लॉक के साथ लगा होता है। यह एक बार टूट जाए, तो फिर इसे जोड़ा नहीं जा सकता। कोई भी इस प्लेट को कापी करके नकली प्लेट नहीं बना सकता।

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