ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और किसानों को बेहतर आय दे रहा मिलेट्स कैफे - CGKIRAN

ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और किसानों को बेहतर आय दे रहा मिलेट्स कैफे

 19 महीने में बना लिया 1,26,00,000 का टर्नओवर! 


 मिलेट्स से बने व्यंजन और पौष्टिक आहार को लोगों की थाली तक पहुंचाने के उद्देश्य से कोरिया जिला प्रशासन ने जिला मुख्यालय में मिलेट्स कैफे की शुरूआत की थी. मिलेट्स कैफे ने खाद्य सामग्री की बिक्री के साथ ही सफलता का नया कीर्तिमान रच दिया है. इसके साथ ही महिला समूह के माध्यम से 31 स्टाफ को रोजगार मिला है. प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में प्रशंसा होने के बाद कोरिया जिले के मिलेट्स कैफे का स्तर और भी बढ़ गया है. इस कैफी की मदद से महिलाओं के लिए रोजगार कई नए अवसर बने हैं और साथ ही किसानों को बेहतर आय भी हो रही है.

कोरिया मिलेट्स कैफे में ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो और जौ आदि मिलेट्स से बने लजीज व्यंजन लोगों की थाली में परोसा जाता है. यहां मिलेट्स से डोसा, चीला, इडली, खीर, गुलाब जामुन, खीर आदि बनाया जाता है. यह कैफे शुरू होने के पहले दिन से ही लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनकर उभरा है.  छत्तीसगढ़  के कोरिया जिले का मिलेट्स कैफे आज के समय में महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास और पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने का सबसे बेहतर उदाहरण बन चुका है. इस कैफे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने भी सराहा था. कैफे की प्रमुख संचालनकर्ता हिना खान ने बताया कि यह पहल 2023 में पीएम मोदी द्वारा मिलेट्स को बढ़ावा देने के अभियान के तहत शुरू हुई थी. यहां रागी, बाजरा, कोदो, ज्वार, जैसे पारंपरिक अनाज से तैयार व्यंजन स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक हैं. 

तेजी से बढ़ रही मिलेट्स की मांग

बता दें कि इस मिलेट्स कैफे से महिलाएं लाखों रुपए की आय कर रही हैं. शुरुआत के समय में लोग मिलेट्स के बारे में कम जानते थे. लेकिन, अब इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. स्थानीय किसानों से मिलेट्स की खरीदारी कर उन्हें बेहतर आय का अवसर दिया जा रहा है. कैफे में रागी चिल्ला, बाजरे की खीर, ज्वार के गुलाब जामुन जैसे व्यंजन ग्राहकों के बीच खास तौर से लोकप्रिय हो गए हैं. कैफे में काम करने वाली मुस्कान ने बताया कि यहां काम करते हुए उन्हें डेढ़ साल हो गए है. उन्होंने अपनी पहली स्कूटी खरीदी है और अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं.

मिलेट्स कैफे की मैनेजमेंट टीम की सदस्य सुषमा सिंह ने बताया कि अपने शुरुआती 19 महीने के भीतर ही कैफे ने 1 करोड़ 26 लाख रुपये का टर्नओवर पूरा किया है. यहां काम करके उन्होंने भी स्कूटी खरीदी और अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी कर रही हैं. स्थानीय निवासी मृगेंद्र ने कहा कि कैफे का स्वाद और सेवा दोनों बेहतरीन हैं. यहां के पारंपरिक व्यंजन स्वास्थ्य और स्वाद का बेहतरीन मिश्रण हैं.

कोरिया कलेक्टर ने बताया कि यह कैफे महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास का आदर्श मॉडल है. उन्होंने बताया कि इसके सफल मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना है. बता दें कि विगत माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैफे की प्रमुख संचालनकर्ता हिना खान से संवाद किया और उनके प्रयासों की प्रशंसा की. उन्होंने इस पहल को महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का उत्कृष्ट उदाहरण बताया.

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