धान बेचने में आ रही है कोई दिक्कत..? तो फौरन इस हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल - CGKIRAN

धान बेचने में आ रही है कोई दिक्कत..? तो फौरन इस हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल


छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है.इस बार किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की कोई तकलीफ ना हो इसका खास ध्यान रखा जा रहा है. किसान सीधे धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से सरकार को अपना धान बेच सकेंगे.  समर्थन मूल्य़ पर धान खरीदी की शुरुआत होते ही भारी तादाद में किसान अपनी उपज को बेचने के लिए उपार्जन केंद्रों की ओर निकल पड़े हैं. सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि किसानों को धान बेचने में कोई समस्या का सामना न करना पड़े. इसके लिए कई तरह के इंतजाम भी किए गए हैं. लेकिन फिर भी यदि किसानों को किसी तरह की असुविधा होती है या धान खरीदी को लेकर उनकी ओर से कोई शिकायत है तो वे बेझिझक सरकार के बताए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं. जिसका नं. 0771-2425463

किसान अपना धान 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं. सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट  की व्यवस्था की गई है. खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर और परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये हैं. सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली गई है. 

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने धान बेचने में किसानों को कोई समस्या ना हो इसे लेकर अधिकारियों आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. मंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर कोई समिति प्रबंधक किसी किसान से दुर्व्यवहार करता है या किसी प्रबंधक के द्वारा किसान से धान पलटी करने या किसी भी तरह के काम कराने की शिकायत मिलती है तो ऐसे समिति प्रबंधकों पर सीधे कार्रवाई की जाएगी.

धान बेचने वाले किसानों को धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी. इसके अलावा समितियों में ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा होगी.

27 लाख किसानों से धान खरीदी सरकार

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए राज्य में पंजीकृत किसानों की संख्या 27,01,109 है. इस साल 1,35,891 नए किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रकबों का पंजीयन किया गया है. कुल 34,51,729 हेक्टेयर रकबे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है. सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के जरिए धान खरीदी की व्यवस्था की गई है. यहां छोटे, सीमांत और बडे़ किसानों से धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा. इसके लिए सात नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. खरीदी सीजन में छोटे और सीमांत कृषकों को अधिकतम दो टोकन और बड़े किसानों को तीन टोकन की पात्रता होगी. 

किसान करें शिकायत, फौरन होगा निराकरण...

धान खरीदी केन्द्रों में शिकायत और निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं. विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है. इस नंबर पर किसान अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वहीं राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे. वहीं विभागीय मंत्री की ओर से निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे. साथ ही शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की जाएगी और की गई कार्रवाई के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा. 

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