छत्तीसगढ़ में अब जनता चुनेगी अपना महापौर
छत्तीसगढ़ सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके तहत अब राज्य में महापौर चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे। यह फैसला राज्य सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में लिया गया था, और अब इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
2018 में जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने महापौर चुनाव के नियमों में बदलाव किया था। इसके तहत पहले जनता द्वारा पार्षदों के साथ महापौर का चुनाव होता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे बदलते हुए पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार दे दिया था। इस फैसले का बीजेपी नेताओं ने विरोध किया था। संभावना है कि अब सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में एक और संशोधन करेगी, जिससे अब जनता सीधे महापौर का चुनाव करेगी। इस बदलाव से नगरीय निकाय चुनाव के तरीके में बड़ा बदलाव होने की संभावना है।
जल्द ही होंगे नगरीय निकाय चुनाव
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के बाद दिसंबर 2024 में नगरीय निकाय चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। इसके पहले राज्य सरकार ने इन चुनावों के लिए नियमों में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। अब जनता को नगर पंचायत और नगर निगमों में अध्यक्ष और महापौर के चुनाव में सीधा भागीदारी का अवसर मिलेगा।
डिप्टी सीएम अरुण साव ने दिए थे संकेत इससे पहले, कांग्रेस सरकार ने 2018 में नगर पंचायत, नगरपालिका और नगर निगम के चुनावों में बड़े बदलाव किए थे, जिसमें अध्यक्ष और महापौर के चुनाव का अधिकार जनता से छीनकर चुने हुए पार्षदों को दे दिया था। इसके खिलाफ बीजेपी ने विरोध जताया था। हाल ही में उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिया था कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदाता अब एक के बजाय दो वोट करेंगे। एक पार्षद के लिए और दूसरा नगर अध्यक्ष के लिए। इसके अलावा, महापौर के चुनाव को प्रत्यक्ष रूप से कराने के नियमों पर भी विचार किया जा रहा है।