साफ और सूखा धान ही होगा स्वीकार, नहीं तो लौटाएगी समितियां
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इसके लिए टोकन 12 नवंबर से कटना शुरू हो जाएगा। किसानों के लिए इस बार भी ऑनलाइन टोकन पर्ची की सुविधा रहेगी। किसान घर बैठे भी धान बेचने के लिए टोकन कटा सकेंगे। इसके लिए किसानों को मोबाइल में टोकन तुंहर हाथ मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा। टोकन कटाने के लिए किसानों को समितियों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बता दें कि अभी प्रदेश के कुछ हिस्सों में धान की कटाई का काम भी तेजी से चल रहा है। वहीं धान खरीदी केंद्रों पर करीब 20 नवंबर के बाद किसानों की भीड़ शुरू हो जाएगी। 14 नवंबर को धान खरीदी केंद्रों पर शुभारंभ के साथ ही खरीदी का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए किसानों को मोबाइल के माध्यम से एसएसएम भी भेजा जाएगा। इस एसएमएस में किसानों को किस तारीख को अपनी धान बेचना है, वह तारीख भी दी जाएगी।
इस तरह बना सकेंगे ऑनलाइन टोकन
खाद्य विभाग की वेबसाइट या प्ले स्टोर से टोकन तुंहर हाथ मोबाइल एप डाउनलोड करना होगा। नया रजिस्ट्रेशन के लिए किसान को अपना कोड डालना होगा। किसान कोड दर्ज करने के बाद किसान का नाम रकबा, विपणन वर्ष की जानकारी स्क्रीन पर नजर आएगी। जिसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना है। ओटीपी प्राप्त करें पर क्लिक करने पर ओटीपी आपके मोबाइल नंबर पर प्राप्त होगा। फिर नीचे आपको ‘ओटीपी प्रविष्ट करें’ का ऑप्शन दिया गया है। इसके बाद आपको 4 अंकों का अपने मन से पिन दर्ज करना है और ‘रजिस्टर करें’ पर क्लिक करें। यह पिन आपको याद रखना है।
धान सूखने पर लगता है गड़बड़ी का आरोप
समितियों के संचालकों का कहना है कि खेत से धान आने पर वह लगभग 17 प्रतिशत सुखत में धान की खरीदी करते हैं। धान अगर एक प्रतिशत भी सूखता है तो एक प्रतिशत में लगभग साढे सात सौ ग्राम कम हो जाता है। इसके चलते धान खरीदी में सुखत की स्थिति में गड़बड़ी का आरोप लगाया जाता है। पिछली बार तो गड़बड़ी की आशंका को लेकर शासन ने एफआइआर का निर्देश भी दिया था। संचालकों का कहना है कि सरकार धान का उठाव करने के दौरान भी सुखत की जांच करें। इससे खरीदी व उठाव के दौरान धान तौल में कितना अंतर आता है यह भी स्पष्ट रहेगा।
लघु और दीर्घ किसानों के लिए टोकन व्यवस्था
इस साल लघु किसानों को धान बेचने के लिए केवल दो टोकन दिए जाएंगे, जबकि दीर्घ किसानों को तीन टोकन जारी किए जाएंगे। टोकन कटाने के लिए किसानों को अपनी बारी का ध्यान रखना होगा, क्योंकि टोकन केवल सात दिन पहले ही जारी किए जाएंगे। किसानों को सख्त निर्देश हैं कि वे टोकन की तारीख के अनुसार ही केंद्र पर पहुंचे और अपने साथ सूखा और साफ धान ही लाएं। यदि कोई किसान इन निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उसे धान वापस ले जाने के लिए कहा जा सकता है।
हार्वेस्टर से मिसाई की तो सूखा कर लाने के निर्देश
समितियों ने विशेष रूप से यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सीधा हार्वेस्टर से मिसाई के बाद लाए गए धान में नमी व कचरा होता है कई किसान हार्वेस्टर से धान की मिसाई के बाद सीधे धान सोसायटी में लाकर बेचते हैं, समितियों ने इस कारण किसानों से अपील की गई है कि वे धान को पंखे से साफ करवा कर व सूखा कर ही सोसाइटी में लाएं। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि धान में कोई अवशेष या गंदगी न हो और खरीदी में व्यवधान उत्पन्न न हो।
समर्थन मूल्य 3100 रुपए पर की जाएगी खरीदी
छत्तीसगढ़ सरकार ने 14 नवंबर से धान खरीदी करेगी। इसको लेकर पूर्व में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जानकारी दी थी कि सरकार 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदेगी। इसके लिए सभी धान खरीदी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वेइंग मशीन का उपयोग होगा और 30 हजार गठान बारदाने की खरीदी की गई है। यह निर्णय मंत्रीमंडलीय उपसमिति की बैठक में पहले ही लिया जा चुका है। प्रदेश में धान खरीदी 14 नवंबर से शुरू होकर 31 जनवरी 2025 तक की जाएगी। इस बीच प्रदेश के सभी धान खरीदी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक तुलाई मशीन का उपयोग किया जाएगा। इस साल धान खरीदी के लिए 30 हजार गठान बारदाने की व्यवस्था सरकार ने की है। धान खरीदी के लिए किसानों ने 31 अक्टूबर 2024 तक रजिस्ट्रेशन कराया था।
