साय कैबिनेट की बैठक में किसान, युवा और उद्योग के लिए कई अहम फैसले - CGKIRAN

साय कैबिनेट की बैठक में किसान, युवा और उद्योग के लिए कई अहम फैसले

 


छत्तीसगढ़ के लिए सोमवार का दिन काफी खास रहा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए. त्रि-स्तरीय पंचायत, नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन पर निर्णय लिया गया.इस मामले पर आरक्षण देने का निर्णय लिया गया.

बैठक में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की स्वीकृत  (14 हजार 700 करोड़ रुपए) की वैधता बढ़ा दी गई. इसे 31 अक्टूबर 2025 तक करने का निर्णय लिया है.

इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा. ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा.

आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी

यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा. यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा. निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं, जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी.

 संविलियन मामले पर किया अनुमोदन

मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किए जाने का अनुमोदन किया गया. शेष शिक्षक (पंचायत) के प्रकरणों पर पंचायत विभाग से पात्रता की अनुशंसा प्राप्त होने पर संविलियन करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया. वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्याें को वर्ष 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम और द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया.

नई औद्योगिक विकास नीति 2029 तक रहेगी प्रभावी

मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-29 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. यह नई औद्योगिक विकास नीति एक नंवबर 2024 से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2029 तक प्रभावशील रहेगी.  इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रावधान किए गए. इस नीति से प्रदेश में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित होंगे. नई औद्योगिक नीति में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में एमएसएमईडी एक्ट-2006 में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद उद्योगों की परिभाषा में किए गए. संशोधन को अपनाया गया और राज्य में संतुलित विकास के लिए औद्योगिक विकास प्रोत्साहन प्रदान करने का विशेष प्रावधान किया गया है. 

विकासखंडों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा

नई औद्योगिक नीति 2024-29 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य में नवीन उद्यमों की स्थापना, विस्तारीकरण/विविधीकरण, प्रतिस्थापन एवं अन्य कार्यों के लिए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. सभी जिलों के विकासखण्डों को तीन श्रेणियों में विभाजित करके दिए जाने वाले औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की मात्रा का निर्धारण भी किया जाएगा.

 नया रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, स्वास्थ्य सेवाएं, शैक्षणिक संस्थान, इलेक्ट्रानिक्स और इलेक्ट्रिकल उद्योगों के विकास के लिए रियायती प्रीमियम दर पर भूखंड आबंटन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया. 

ग्राम नियानार, जगदलपुर जिला बस्तर में एन.एम.डी.सी. के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर के निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आबंटित 118 एकड़ शासकीय भूमि, मंडल द्वारा सी.एस.आई.डी.सी. को रजिस्ट्री के माध्यम से विक्रय की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया. नवा रायपुर परियोजना हेतु आपसी करार द्वारा निजी भूमि क्रय करने पर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण को 31 मार्च 2026 तक मुद्रांक शुल्क में छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया. राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन कार्यालय में राज्य आयुक्त के एक पद के सृजन का निर्णय लिया गया.

25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान

 मंत्रिपरिषद ने घोषणा पत्र के अनुरूप राज्य में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया. इस योजना के तहत राज्य के 60 वर्ष या  अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिन्हिंत तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की निशुल्क यात्रा कराई जाएगी. इसके लिए प्रथम अनुपूरक में 25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है. 

इस योजना को फिर से शुरू करने का लिया निर्णय

बता दें, वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत वर्ष 2019 तक 2 लाख 47 हजार हितग्राहियों को 272 यात्राओं के माध्यम से तीर्थ यात्रा कराई गई. वर्ष 2019 में इस योजना का नाम बदलकर तीरथ बरत योजना कर दिया गया था, परंतु वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत तीर्थ यात्राएं नहीं हुईं. मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के नाम से इसे पुनः शुरू करने का निर्णय लिया. 

उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ के तकनीकी शिक्षा विभाग में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया. इससे छात्र-छात्राओं को समग्र एवं लचीले शिक्षा प्रणाली के साथ ही गुणवत्ता युक्त शिक्षण की सुविधा मिलेगी. शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अधिक संसाधन और सहयोग प्राप्त होंगे. उद्योगों को अधिक कुशल कार्य बल मिलेगा. 

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