भाजपा - कांग्रेस में टिकट के लिए नेताओं की लंबी कतार…., क्या बीजेपी के गढ़ में इस बार सेंध लगा पाएगी कांग्रेस?
केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने मंगलवार को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इस सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी। यह सीट भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई है। दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में टिकट पाने भाजपा और कांग्रेस में नेताओं की लंबी कतार है. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से दावेदार सक्रिय हैं. चुनाव तारीख ऐलान होने के कई महीने पूर्व से ही दावेदारों की चुनावी तैयारियां चल रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष टिकट मिलने पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार होने की बात भी नेता कह चुके हैं. चर्चा है कि कुछ वरिष्ठ नेता तो जनसंपर्क भी शुरू कर चुके हैं. वहीं कुछ नेताओं की ओर से दीवार लेखन और बैनर-पोस्टर के जरिए प्रचार करने की खबर है. वहीं कई नेता दिल्ली तक दौड़ भी लगा चुके हैं. कुछ नेताओं को लेकर ऐसी भी चर्चा है कि उन्होंने अलग-अलग संपर्क सूत्रों से लॉबिंग भी कराई है.
2008 तक रायपुर में सिर्फ दो विधानसभा सीट हुआ करती थी जो रायपुर शहर और रायपुर ग्रामीण थी. लेकिन 2008 में रायपुर को कुल चार विधानसभा सीटों में बांट दिया गया. जिसमें रायपुर ग्रामीण, रायपुर सिटी वेस्ट, रायपुर सिटी नॉर्थ और रायपुर सिटी साउथ में विभाजित किया गया. रायपुर शहर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और 2008 में इन्होंने यह सीट जीत कर भाजपा के खाते में डाली. तब से साल 2013, 2018, 2023 में भी रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा के खाते में ही रही.
बृजमोहन अग्रवाल यहां से आठ बार लगातार विधायक रहे
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है. साल 1990 से बृजमोहन अग्रवाल यहां से विधायक चुने जाते रहे हैं. रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल यहां से आठ बार लगातार विधायक रह चुके हैं. लोकसभा में चुनाव जीतकर सांसद बनने के बाद बृजमोहन अग्रवाल ने इस सीट से इस्तीफा दिया था. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पहले से ही बृजमोहन अग्रवाल लगातार इस सीट से जीतते चले आ रहे हैं.
जानिए भाजपा और कांग्रेस में कौन-कौन हैं दावेदार ?
भाजपा
सुनील सोनी – रायपुर से सांसद और महापौर रह चुके हैं. सांसद बृजमोहन अग्रवाल के बेहद करीबी हैं. ओबीसी वर्ग से आते हैं.
केदार गुप्ता- पार्टी के तेज-तर्रार प्रवक्ता है. पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. पूर्व में ग्रामीण और उत्तर सीट से भी दावेदारी कर चुके हैं.
संजय श्रीवास्तव- प्रदेश महामंत्री हैं. निगम सभापति और आरडीए अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं. उत्तर सीट से भी प्रबल दावेदारी कर चुके हैं.
नंदन जैन- प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं. संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं.
नरेश गुप्ता- प्रदेश कार्यालय प्रभारी हैं. संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं.
अमित साहू- प्रदेश प्रवक्ता हैं. भाजयुमो के अध्यक्ष रह चुके हैं. पश्चिम और ग्रामीण सीट से दावेदारी कर चुके हैं. ओबीसी वर्ग में साहू समाज से आते हैं.
अनुराग अग्रवाल- प्रदेश सह-मीडिया प्रभारी हैं.
मृत्युंजय दुबे, कई बार के पार्षद हैं. महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं.
मीनल चौबे, निगम में नेता-प्रतिपक्ष हैं. पश्चिम सीट से दावेदारी कर चुकी हैं.
कांग्रेस
प्रमोद दुबे- निगम सभापति हैं. महापौर रह चुके हैं. लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.
सन्नी अग्रवाल- कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं. 2023 के चुनाव दावेदारी कर चुके हैं.
कन्हैया अग्रवाल- 2018 में दक्षिण सीट चुनाव लड़ चुके हैं.
एजाज ढेबर- महापौर हैं. 2018 और 23 में टिकट को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं.
आकाश शर्मा- प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पूर्व में भी दावेदारी कर चुके हैं.
राजीव वोरा – राजीव कांग्रेस के प्रभावशाली वोरा परिवार के एक प्रमुख सदस्य है.
चर्चा है कि प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, पूर्व पार्षद सुमित दास, दीपक मिश्रा और विनोद तिवारी भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं.
वैसे यह जरूरी नहीं कि इन दावेदारों के बीच से कोई नाम तय हो. क्योंकि बताया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी उपचुनाव में दावेदारों से हटकर भी टिकट दे सकती है.