बैन के बाद भी धड़ल्ले से बिक रहे पक्षी, बेचना प्रतिबंधित, खरीदना या पालना भी प्रतिबंधित
रायपुर में वन्य जीव अधिनियम के तहत पक्षियों की बिक्री प्रतिबंधित है, फिर भी तोते और अन्य पक्षियों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। फाफाडीह और अन्य क्षेत्रों में तोते 800 रुपये में बिक रहे हैं। दुकानदारों ने दावा किया कि तोते एक-दो दिन में उपलब्ध होंगे। घर में पक्षियों को पालना भी अपराध है। वन्य जीव अधिनियम के तहत पक्षियों को बेचने पर पाबंदी है। फिर भी पक्षियों की धड़ल्ले की बिक्री हो रही है। शहर में फाफाडीह चौक, कटोरा तालाब, खमतराई, शंकर नगर आदि स्थानों पर तोते आसानी से मिल जाते हैं। दरअसल, विभाग की निष्क्रियता और ध्यान नहीं देने के कारण धड़ल्ले से खरीदी- बिक्री हो रही है। प्रतिबंधित पक्षियों को लोग पाल भी रहे हैं। इस पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने नाराजगी जाहिर की है। राज्य पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने वन विभाग ने निर्देश पर प्रदेश भर में तोता सहित वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की अधिसूची में दर्ज सभी पक्षियों को वन विभाग को सौंपने का आदेश जारी किया है।
पक्षियों को बेचने, खरीदने या पिंजरे में रखना अपराध
तोता, मोर, बगुला, मैना, गौरेया, उल्लू, चील, गिद्ध, बया, तीतर, हरियल, सफेद कबूतर, नीलकंठ, इंडियन हार्नबेल समेत लगभग 120 पक्षियों को प्रोटेक्टेड श्रेणी में रखा गया है। इन पक्षियों को बेचने, खरीदने या पिंजरे में रखना अपराध है। शहर की दुकानों पर खुलेआम बिक्री हो रही है।
तीन वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रविधान
तोते समेत अन्य अनुसूचित पक्षियों को कैद में रखना और खरीदी, बिक्री वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 यथा संशोधित मई-2022 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें कारावास (तीन वर्ष) और जुर्माने का प्रविधान है।
घर में पालना भी अपराध
वन मुख्यालय ने घरों में तोता तथा संरक्षित पक्षी रखने वालों को सात दिन के भीतर अपने नजदीक वन कार्यालय के अधिकारी अथवा जू के अधिकारी से संपर्क कर उनके सुपुर्द करने के निर्देश जारी किए हैं। ऐसा नहीं करने पर वन विभाग की उड़नदस्ता टीम द्वारा जिन घरों में तोते होंगे, वहां जाकर जब्ती करने के साथ कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।