महतारी वंदन योजना या महालक्ष्मी नारी न्याय गारंटी योजना, कौन बनेगा 2024 का चैम्पियन...!
भाजपा के महतारी वंदन पर कांग्रेस ने खेला आठ गुना राशि वाली महालक्ष्मी पर दांव
चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल नया-नया पैतरा अपनाते रहते है। इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नारी न्याय योजना को अपना हथियार बनाया है। जिस तरह पिछले विधानासभा चुनाव में भाजपा के लिए महतारी वंदन योजना गेमचेंजर साबित हुआ था कांगे्रस को अब उसी तरह नारी न्याय योजना पर विश्वास है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के महतारी वंदन योजना से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आठ गुना राशि वाली महालक्ष्मी नारी न्याय योजना पर दांव खेला है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले आधी आबादी को लेकर बड़ा दांव खेला है। कांग्रेस की तरफ से सरकार में आने पर नारी न्याय गारंटी योजना की घोषणा की गई है। कांग्रेस का यह दांव कितना सफल होगा, यह चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। सभी राजनीतिक दल जानते हैं कि 50% महिलाएं हैं. यदि उन्हें कोई योजना नहीं देते हैं तो सक्सेस होने की संभावना कम होगी. विधानसभा चुनाव 2018 की बात की जाए तो महिलाओं को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस ने शराबबंदी की घोषणा की थी. जिसका असर भी चुनाव में देखने को मिला. कांग्रेस को करीब 50% वोट मिले, और कांग्रेस की सरकार बनी. जबकि भाजपा को महज 38 से 39% वोट पर संतोष करना पड़ा. उसी तरह 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने महिलाओं को आकर्षित करने के लिए महतारी वंदन योजना की घोषणा की. प्रति महीने महिलाओं को ₹1000 दिया जाना था. भाजपा की घोषणा चुनाव में गेम चेंजर का काम कर गई और एक बार फिर भाजपा ने सत्ता में वापसी की. इसके अलावा गैस ओर बिजली पर सब्सिडी, महिलाओं के खाते में सीधे पैसे का भुगतान, महिला वोटरो को आकर्षित करने में काफी कारगर साबित हुआ है वहीं इस बार कांग्रेस हर साल महिलाओं को एक लाख देने का वादा की है। अब देखना यह है कि यह योजना कांग्रेस के लिए कितना कारगर साबित होती है। फिलहाल, कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाकर योजना की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने में जुट गए है। कांग्रेस की ओर से इसके लिए आवेदन फार्म भरवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की महतारी वंदन योजना हिट रही. बीजेपी ने सिर्फ सरकार ही नहीं बनाई, कांग्रेस को कई संभागों से साफ कर दिया. बीजेपी के इसी फार्मूले को जीत का हथियार बनाने में कांग्रेस जुट गई है.
प्रदेश में भाजपा की महतारी पर कांग्रेस की महालक्ष्मी के दांव पर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ऐसी योजनाओं से महिलाओं की आर्थिक स्थिति तो सुधरती है लेकिन अर्थव्यवस्था पर इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। जानकारों का कहना है कि पार्टी के रणनीतिकारों को यह भी बताना चाहिए कि यह कैसे संभव हो पाएगा। बता दे की राज्य में बीजेपी सरकार की ओर से महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खाते में पिछले माह मार्च से एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है, जो आगे भी जारी रहेगी। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में महतारी वंदन योजना की अहम भूमिका मानी जाती है। राज्य सरकार पर इससे 68 हजार करोड़ का अतरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया है। वहीँ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवार की एक महिला को प्रतिमाह 8,333 रुपये देने की गारंटी दी है। प्रदेश में अनुमानित 67 लाख से अधिक गरीब परिवार हैं। यदि एक महिला को 8,333 रुपये दिया जाता है तो 8,400 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। देश में गरीबी की स्थिति जानने के लिए 2011-12 में सर्वे हुआ था। सर्वे में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 27 करोड़ आंकी गई थी, जो वर्तमान में इससे कहीं अधिक होने से इनकार नही किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, कांग्रेस की ओर से महालक्ष्मी नारी न्याय योजना के लिए फार्म भरवाया जा रहा है, लेकिन न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी। प्रदेश में लोगों का कांग्रेस से भरोसा पूरी तरह से उठ चुका है। चाहे वे एक लाख रुपये दें या पांच लाख देने की बात कहें। जनता अब विश्वास नहीं करने वाली है।
कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, देश की जनता बदलाव के मूड में हैं। महिलाएं महंगाई से परेशान है। कांग्रेस के वादे में भरोसा दिख रहा है। देश की आधी आबादी केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनाने को तैयार है। मुख्यमंत्री साय को इसका अंदाजा हैं। वे बौखलाहट में यह बातें कह रहे हैं।