छत्तीसगढ़
पाटन
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, दुर्ग, छत्तीसगढ़ में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म (मिश्रित शिक्षा प्रणाली) विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग एवं भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दिनॉक 10/02/2024 को आरम्भ किया गया। ज्ञातव्य हो कि इस दो दिवसीय कार्यषाला के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि, डॉ. के.पी. यादव, माननीय कुलपति मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर एवं सदस्य प्रबन्ध मंडल के मुख्य आतिथ्य एवं महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ. आर.एस. कुरील की अध्यक्षता में आरंभ किया गया था। इस कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुये वर्तमान परिवेश में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म की शिक्षा में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ. आर.एस. कुरील के द्वारा बताया गया कि ‘‘मिश्रित शिक्षा प्रणाली ’’ विद्यार्थियों को एक नई शिक्षा दृष्टिकोंण प्रदान करती है, जिसमें शिक्षा में और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से पठन-पाठन कार्य का संयोजन होता है। उन्होंने बताया कि यह एक गुणवत्ता भरी शिक्षा कार्यक्रम प्रणाली के रूप में छात्रों के बीच गुणात्मक सुधार की संभावना को बढ़ावा देता है। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अलका अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यशाला में छह प्रकार की शिक्षा विधाएँ शामिल हैं, जिसमें रूबरू संचालन, नियमित आवर्तन फ्लेक्स, प्रयोगशाला, स्वतंत्र ब्लेंडेड और ऑनलाइन संचालन शामिल हैं। इसके माध्यम से अध्यापक और छात्रों के बीच संवाद बेहतर हो रहा है और डिजिटल उपकरणों का सही उपयोग हो रहा है। इस उत्कृष्ट कार्यशाला का समापन मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एस शॉ, तकनीकी सलाहकार तथा डॉ. अमित दीक्षित, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. शॉ ने अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुये वर्तमान परिवेश में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म की शिक्षा, कृषि विष्वविद्यालय सें महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के अब तक के इतिहास एवं शैक्षणिक परिनियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. अमित दीक्षित, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं छात्र कल्याण संबंधित गतिविधियों से विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों को अवगत कराया। इस दो दिवसीय कार्यशाला के अन्तर्गत महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग के सहायक प्राध्यापकों को मुख्य प्रशिक्षक बनाये जाने के लिये ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म से सम्बन्धित कौशल प्रशिक्षण, भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली से आये हुये श्री प्रशान्त यादव, आई.टी. विशेषज्ञ के द्वारा दिया गया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का संचालन डॉ. पी.के. तिवारी, नोडल अधिकारी, ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय कार्यषाला में भाग लेने वाले विवि के सभी अधिकारी, 15 उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं इन महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों को समापन समारोह के अवसर पर प्रषस्ति-पत्र भी प्रदान किया गया।
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग में दो दिवसीय कार्यशाला का समापन
Sunday, February 11, 2024
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महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, दुर्ग, छत्तीसगढ़ में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म (मिश्रित शिक्षा प्रणाली) विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग एवं भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दिनॉक 10/02/2024 को आरम्भ किया गया। ज्ञातव्य हो कि इस दो दिवसीय कार्यषाला के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि, डॉ. के.पी. यादव, माननीय कुलपति मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर एवं सदस्य प्रबन्ध मंडल के मुख्य आतिथ्य एवं महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलपति डॉ. आर.एस. कुरील की अध्यक्षता में आरंभ किया गया था। इस कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुये वर्तमान परिवेश में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म की शिक्षा में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ. आर.एस. कुरील के द्वारा बताया गया कि ‘‘मिश्रित शिक्षा प्रणाली ’’ विद्यार्थियों को एक नई शिक्षा दृष्टिकोंण प्रदान करती है, जिसमें शिक्षा में और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से पठन-पाठन कार्य का संयोजन होता है। उन्होंने बताया कि यह एक गुणवत्ता भरी शिक्षा कार्यक्रम प्रणाली के रूप में छात्रों के बीच गुणात्मक सुधार की संभावना को बढ़ावा देता है। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अलका अरोड़ा ने बताया कि इस कार्यशाला में छह प्रकार की शिक्षा विधाएँ शामिल हैं, जिसमें रूबरू संचालन, नियमित आवर्तन फ्लेक्स, प्रयोगशाला, स्वतंत्र ब्लेंडेड और ऑनलाइन संचालन शामिल हैं। इसके माध्यम से अध्यापक और छात्रों के बीच संवाद बेहतर हो रहा है और डिजिटल उपकरणों का सही उपयोग हो रहा है। इस उत्कृष्ट कार्यशाला का समापन मुख्य अतिथि, डॉ. एस.एस शॉ, तकनीकी सलाहकार तथा डॉ. अमित दीक्षित, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. शॉ ने अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुये वर्तमान परिवेश में ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म की शिक्षा, कृषि विष्वविद्यालय सें महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के अब तक के इतिहास एवं शैक्षणिक परिनियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. अमित दीक्षित, अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं छात्र कल्याण संबंधित गतिविधियों से विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों को अवगत कराया। इस दो दिवसीय कार्यशाला के अन्तर्गत महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, दुर्ग के सहायक प्राध्यापकों को मुख्य प्रशिक्षक बनाये जाने के लिये ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म से सम्बन्धित कौशल प्रशिक्षण, भारतीय कृषि सांख्यिकी शोध संस्थान, नई दिल्ली से आये हुये श्री प्रशान्त यादव, आई.टी. विशेषज्ञ के द्वारा दिया गया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का संचालन डॉ. पी.के. तिवारी, नोडल अधिकारी, ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय कार्यषाला में भाग लेने वाले विवि के सभी अधिकारी, 15 उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता एवं इन महाविद्यालयों के सहायक प्राध्यापकों को समापन समारोह के अवसर पर प्रषस्ति-पत्र भी प्रदान किया गया।
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