उपराष्ट्रपति धनखड़ को भाया छत्तीसगढ़ का जीराफुल चावल
कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया जिले के द्वारा लगाए गए स्टाल में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने करमा जीराफुल चावल की जानकारी ली और साथ ले जाने की भी इच्छा जाहिर की। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में लगाई विकास प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निरीक्षण किया। बस्तर जोन से लगाए गए लघु धान्य फसलों की प्रदर्शनी में उप राष्ट्रपति ने उत्सुकतावश फसलों की जानकारी ली।
कृषि विज्ञान केंद्र कांकेर से आए डा. राहुल साहू ने उप राष्ट्रपति धनखड़ को बताया कि उनके साथ स्व सहायता समूह की 500 महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जो कोदो, कुटकी, रागी जैसी लघु धान्य फसलों का उत्पादन एवं प्रसंस्करण कर अपना जीवन यापन कर रही हैं। कृषि विज्ञान केंद्र कोरिया जिले के द्वारा लगाए गए स्टाल में उपराष्ट्रपति ने करमा जीराफुल चावल की जानकारी ली और साथ ले जाने की भी इच्छा जाहिर की।
अलसी के डंठल से बने कपड़े को देखकर अंचभित हुए उपराष्ट्रपति
धमतरी जिले के बगरूम नाला गांव से आईं प्रेमबाई कुंजाम और मिलन बाई उइके ने उप राष्ट्रपति धनखड़ को बताया कि उनके समूह की महिलाएं नगरी दुबराज सुगंधित चावल का उत्पादन करती हैं। जिसका मूल्य 120 रूपये प्रति किलोग्राम है। इसी दौरान उप राष्ट्रपति ने अलसी के डंठल से बने छत्तीसगढ़ लिलेन कपड़े में विशेष रूचि दिखाई। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. केपी वर्मा ने बताया कि अलसी के डंठल जो अब तक बिलकुल भी उपयोगी नहीं थे अब इनसे वेस्ट टू वेल्थ अभियान के तहत कपड़ों का निर्माण किया जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की प्रदर्शनी में लगे मूंगफली छिलाई यंत्र को अपने हाथों से संचालित किया। साथ ही जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रिडिंग विभाग के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने उप राष्ट्रपति को कृषि विश्वविद्यालय में अनुसंधान से निर्मित चावल संजीवनी की जानकारी दी।
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने स्टाल निरीक्षण के दौरान सीजी रायगढ़ हल्दी द्वारा बनाए गए उत्पाद हल्दी पंचांग का भी अवलोकन किया। हल्दी पंचांग हल्दी के पांच अंगों जड़, कंद, पत्ता, पुष्प और तना से बना स्वत्व और चूर्ण है। इसका उपयोग त्वचा और रक्तवाहिनी के रोगों के उपचार में किया जाता हैं।